मुलायम

सियासी ड्रामे से विफलताओं पर परदा डालने की क़वायद

उत्तर प्रदेश की राजनीति में चल रहा सत्ताधारी परिवारवादी कुनबे का सियासी ड्रामा आखिरकार उसी बिंदु पर खत्म हुआ जिस पर उसे खत्म होना था। सियासी ड्रामे का यह अंतिम चरण कहा जा सकता है। इसके पहले भी अक्तूबर महीने में यह उठा-पटक तेज हुई थी। उस समय सपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष

अंतर्कलह के ड्रामे से अखिलेश राज की विफलताओं को छुपाने की बेजा कवायद कर रहे मुलायम !

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे पास आते जा रहे हैं, सूबे की मौजूदा सरकार की पीड़ा लगातार बढ़ती नजर आ रही है। प्रदेश में डूबती सियासी विरासत को संजोने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें सूबे की सपा सरकार और सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह में भी तकरार देखने को मिल रही है। दंगो, भ्रष्टाचार, प्रशासनिक विफलताओं से भरी सियासी पारी को बचाने के लिए सपा कुनबा तरह-तरह के पैंतर

यह ‘विकास रथ’ नहीं, अखिलेश सरकार का ‘विदाई रथ’ है!

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे–जैसे करीब आ रहा है, सूबे की सियासत भी हर रोज़ नए करवट लेती नजर आ रही है। हर रोज़ ऐसी खबरें सामने आ रहीं हैं, जो प्रदेश की सियासत में बड़ा उलट फेर करने का माद्दा रखतीं हैं। सत्तारूढ़ दल समाजवादी पार्टी की आंतरिक कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही। गत जून माह से ही चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश के बीच शुरू हुई तल्खी लागतार बढती जा रही है। अगर

आगामी यूपी चुनाव में जनता के करारे जवाब के लिए तैयार रहे सपा सरकार!

यूपी चुनाव आने में लगभग छः महीने का वक्त शेष है। राज्य की सत्ता में काबिज सरकार में जिस तरीके से बीते कुछ महीनों से टकराव की राजनीति देखने को मिल रही है, उसे देखकर तो यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य की सत्ता में आपसी टकराव का खेल केवल सत्ता हथियाने तक ही सीमित ना रह कर वर्चस्व की जंग बन गई है। सरकार में जिस तरीके से अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए सरकार के

मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए मुलायम ने फिर गाया ‘बाबरी राग’!

उत्तर प्रदेश के चुनाव सिर पर आ गए हैं। इस बार समाजवादी पार्टी की नैया भंवर में दिखाई पड़ रही है। यही कारण है कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव को ‘मुस्लिम प्रेम’ नजर आने लगा है। वह किसी भी प्रकार अपने वोटबैंक को खिसकने नहीं देना चाहते हैं। मुसलमानों को रिझाने के लिए उन्होंने फिर से ‘बाबरी राग’ अलापा है।

मुलायम सिंह यादव ने छिपा लिया था राजीव गांधी का बोफोर्स घोटाला!

बोफोर्स घोटाले का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर निकल आया है। देश के पूर्व रक्षामंत्री…

जातीय तुष्टिकरण से बदहाल उत्तर प्रदेश की क़ानून व्यवस्था

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में माँ-बेटी के साथ हुई गैंगरेप की वारदात ने एकबार फिर यह साफ़ कर दिया है कि अपने शासन के चार वर्ष बीता लेने के बाद भी सूबे की अखिलेश सरकार प्रदेश में क़ानून व्यवस्था को जरा भी दुरुस्त नहीं कर सकी है, बल्कि इस अवधि में क़ानून का राज लचर ही हुआ है।

यूपी दंगल से पहले हारे-हारे नजर आ रहे मुलायम

मुलायम सिंह यादव इन दिनों अपने कार्यकर्ताओं को लगातार चेता रहे हैं। उनके इस चेतावनी का मकसद कार्यकर्ता से ज्यादा उन नेताओं को हड़काना नजर आता है, जो सत्ता की मलाई खा रहे हैं, जो मंत्री हैं, विधायक हैं, निगमों के पदाधिकारी हैं या जिला पंचायतों-परिषदों के अध्यक्ष, सदस्य आदि हैं। उत्तर भारत की राजनीति में नेताजी के नाम से विख्यात मुलायम बार-बार अपने नेताओं को बता रहे हैं कि कौन भ्रष्टाचार कर रहा है, कौन सत्ता की ताकत से जमीनें पर कब्जा कर रहा है, सब पर उनकी निगाह है।