दुर्भाग्यपूर्ण है हिजाब प्रकरण पर कट्टरपंथी नेताओं की राजनीति
दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन बच्चों को स्कूल जाना चाहिए, परीक्षा में बैठना चाहिए वहां अनेक छात्राएं “पहले हिजाब और बाद में किताब” का नारा लगा रही हैं।
‘भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना को खत्म करने के लिए प्रेरित करेगा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’
भारत का विभाजन और स्वतन्त्रता इतिहास के एक ही अध्याय में है। भीषण त्रासदी और विभाजन की काली रात के बाद स्वतन्त्रता का प्रकाश हुआ था।
राष्ट्रीय एकजुटता का संदेश
मोहन भागवत ने हिन्दू-मुस्लिम एकता को लेकर जो कुछ कहा है, उसका उद्देश्य चुनावी राजनीति के संकीर्ण दायरे से कहीं बड़ा और व्यापक है। यह राष्ट्रीय एकजुटता का आह्वान है।
कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति का परिणाम था हलाल प्रमाणपत्र, मोदी सरकार ने किया समाप्त
तुष्टीकरण की नीतियों के चलते कांग्रेसी सरकारों ने हलाल को एक भोजन पद्धति से आगे बढ़ाकर एक समानांतर अर्थव्यवस्था में तब्दील कर दिया था।
लव जिहाद के खिलाफ राज्य सरकारों के कानून लाने से बिलबिलाया सेक्युलर गिरोह
उम्मीद कर सकते हैं कि अब लव जिहाद चलाने वाले अपराधी सींखचों के पीछे नज़र आएंगे और इस बुराई का इसी तरह क्रमिक रूप से उन्मूलन हो जाएगा।
हिंदुत्व सह-अस्तित्ववाद की भावना पर आधारित है, यह कभी कट्टर हो ही नहीं सकता
हिंदुत्व का दर्शन ही सह-अस्तित्ववादिता पर केंद्रित है। जबकि उदार समझा जाने वाला पश्चिमी जगत प्रगति के तमाम दावों के बावजूद केवल सहिष्णुता तक पहुँच सका है।
बेंगलुरु हिंसा पर सेक्युलर ब्रिगेड और बुद्धिजीवियों की चुप्पी से उपजते सवाल
अराजकता के व्याकरण में विश्वास रखने वाला समूह चेहरा और वेष बदल-बदलकर देश को हिंसा से लहूलुहान कर रहा है और कथित धर्मनिरपेक्ष धड़ा चुप है।
राम मंदिर : भूमि-पूजन पर विपक्ष का बेमतलब बवाल
राजनीति तोड़ती है, जबकि संस्कृति जोड़ती है। इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि राम मंदिर राजनीतिक नहीं, अपितु एक सांस्कृतिक मुद्दा है।
जम्मू-कश्मीर का शेष भारत से सही अर्थों में एकीकरण करने में कामयाब रही मोदी सरकार
अनुच्छेद-370 खत्म होने के एक लगभग एक साल पूरे होने पर आज हम देख सकते हैं कि सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से न केवल आतंकवाद-अलगाववाद में कमी आई है, बल्कि आम जनता को राहत मिली है।
ननकाना साहिब की घटना बताती है कि सीएए क्यों जरूरी है!
पिछले सप्ताह पाकिस्तान में स्थित ननकाना साहिब स्थल पर पथराव किए जाने की घटना सामने आई। यहां सिखों के इस पवित्र धर्मस्थल पर एक स्थानीय परिवार के साथ मिलकर भीड़ ने पत्थर फेंके, जिसके बाद माहौल में तनाव व्याप्त हो गया। मामला धर्मस्थल के प्रमुख की पुत्री के अपहरण व धर्मांतरण से जुड़ा था, ऐसे में बात बढ़ गई और इसने हिंसा का रूप ले लिया। जिस