नोएडा में शुरू हुई दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री, पैदा होंगे रोजगार के भारी अवसर
संविधान के अनुसार सरकार में निरन्तरता होती है। प्रकृति और प्रजातन्त्र के आधार पर व्यक्ति और दल में बदलाव होता रहता है। इसी में विकास की भावना भी समाहित है। यदि कोई सरकार पांच वर्ष में आधे अधूरे कार्यो, शिलान्यास या एमयूएम तक सीमित रहती है, तो इनको पूरा करना अगली सरकार की जिम्मेदारी होती है। यह निरन्तरता के सिद्धांत का तकाजा है।
मोदी सरकार के प्रयासों से वैश्विक विनिर्माण की धुरी बन रहा भारत !
आज भारत दुनिया भर की कंपनियों का बाजार बना है तो इसके लिए कांग्रेस सरकारों की भ्रष्ट और वोट बैंक की राजनीति जिम्मेदार है। आजादी के बाद से ही हमारे यहां बड़ी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आइआइटी) को विकास का पर्याय मान लिया गया। इसी का नतीजा है कि भारत की पहचान कच्चा माल आपूर्ति करने वाले देश के रूप में होने लगी है। दूसरी चूक यह हुई कि उदारीकरण के दौर
युवाओं को ‘रोजगार मांगने वाले’ से ‘रोजगार देने वाले’ बना रही मोदी सरकार !
बेरोजगारी के मुद्दे पर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करने वालों की कमी नहीं है लेकिन वे यह नहीं देख रहे हैं कि मोदी सरकार युवाओं को “रोजगार मांगने वाले” से “रोजगार देने वाले” में बदल रही है। मोदी सरकार ने हर साल जिन एक करोड़ नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखा है, वे वेतनभोगी प्रकृति की नहीं हैं। दरअसल मोदी सरकार का मुख्य बल प्रक्रियागत खामियों को दूर कर ऐसा वातावरण बनाने का है, जिसमें युवा वर्ग
मोदी सरकार की इन योजनाओं से ख़त्म होगी बेरोजगारी !
‘मेक इन इंडिया’ का सपना साकार करने के लिए ‘स्टार्ट अप इंडिया’ की जरूरत है। प्रधानमंत्री इस योजना की मदद से देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती, रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी, विकास दर में इजाफा आदि लाना चाहते हैं। यह योजना उन लोगों के लिए है जो अपना कारोबार शुरू करना चाहते हैं, लेकिन देश में अनुकूल माहौल नहीं होने या कारोबार शुरू करने में आने वाली बाधाओं को
‘मेक इन इंडिया’ के आगे धराशायी हुआ ‘मेड इन चाइना’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए मेक इन इंडिया अभियान का असर दिखना शुरू हो गया है। चीनी उत्पादों के बाजार के समक्ष अक्सर बौने साबित होने वाले भारतीय उत्पादों का लोहा अब दुनिया भी मानने लगी है। हाल ही में यूरोपीय संघ समेत दुनिया के 49 देशों के उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर किए गए एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में भारत को 36 अंक दिए गए है, जबकि पड़ोसी मुल्क चीन को 28 अंको के
मोदी सरकार के प्रयासों से बेरोजगारी के ख़ात्मे की जगती उम्मीद
मोदी सरकार द्वारा सत्ता में आने के बाद से युवाओं को रोजगार देने के लिए व्यापक स्तर पर बहुआयामी प्रयास किए गए हैं। इसमें प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से लेकर स्टार्टअप इंडिया तक विविध प्रकार की योजनाएं सरकार द्वारा शुरू की गयी हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार फिलवक्त भारत दुनिया का सर्वाधिक युवा देश है। इनमें से अनेक युवाओं को रोजगार सम्बन्धी कौशल विकास करके रोजगार योग्य
मेक इन इंडिया की जोरदार धमक, चीन की सबसे बड़ी हाई स्पीड ट्रेन कंपनी बनाएगी भारत में रेल इंजन
यह वास्तविकता है कि वर्ष 2014 में मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई मेक इन इंडिया योजना एक दूरगामी और क्रांतिकारी प्रभाव वाली योजना है। अतः इसका बड़ा लाभ आने वाले कुछ वर्षों में देश के सामने आएगा, लेकिन अभी इसके शुरुआत के लगभग दो वर्षों में ही इसका अच्छा-ख़ासा असर देखने को मिलने लगा है।