मोदी सरकार के इन कदमों से वैश्विक बाजारों में भी बजेगा भारत का डंका!
उदारीकरण के दौर में जिस तरह विदेशी सामान भारतीय बाजार में छा गए उस तरह विदेशी बाजारों में भारतीय सामानों की धूम नहीं मची। इसका सबसे बड़ा कारण है कि हमारे यहां उत्पादन लागत ज्यादा आती है, जिससे हमारे सामान घरेलू के साथ-साथ विदेशी बाजारों में प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाते हैं।