आर्थिक संपन्नता और स्वतंत्रता की दिशा में ठोस कदम है जीएसटी
अगर स्वतंत्र भारत के शुरूआती चार दशकों का इतिहास देखें तो हम पायेंगे कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार की समाजवादी एवं साम्यवादी आर्थिक नीतियों ने एक बंद अर्थव्यवस्था विकसित की थी, जहाँ परमिट और लायसेंस की प्रणाली हमारी आर्थिक सुगमता में बाधक की तरह काम करती रही। वह नीतियों इस देश की मूल अर्थ चिन्तन के अनुरूप नहीं थीं,
लाल बत्ती के अंत से लोकतान्त्रिक मूल्यों को मिलेगी और मजबूती
लाल बत्ती एक ऐसे संस्कृति के रूप में उभर चुकी थी, जिसने नेताओं व अधिकारियों को इस मानसिकता से ग्रस्त कर दिया था कि वह शासक हैं और जनता पर शासन करेंगे जो लोकतंत्र के मूल चरित्र के खिलाफ़ था। अक्सर यह देखने को मिलता कि जब भी हमारे द्वारा चुने गये प्रतिनिधि अथवा लाल बत्ती से लैस शासन-प्रशासन के लोग अपने काफिले के साथ सड़क से गुजरते थे, तब उनके लिए ट्रेफिक
मोदी सरकार की इन योजनाओं से ख़त्म होगी बेरोजगारी !
‘मेक इन इंडिया’ का सपना साकार करने के लिए ‘स्टार्ट अप इंडिया’ की जरूरत है। प्रधानमंत्री इस योजना की मदद से देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती, रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी, विकास दर में इजाफा आदि लाना चाहते हैं। यह योजना उन लोगों के लिए है जो अपना कारोबार शुरू करना चाहते हैं, लेकिन देश में अनुकूल माहौल नहीं होने या कारोबार शुरू करने में आने वाली बाधाओं को
तकनीक के जरिये भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने की दिशा में बढ़ती मोदी सरकार
2018 के अंत तक सभी प्रकार की उर्वरक सब्सिडी सीधे लाभार्थी के खाते में भेजने की योजना है। इतना ही नहीं आगे चलकर सरकार जमीन की रजिस्ट्री, यात्रा की टिकट जैसे सभी क्रियाकलापों को आधार नंबर से जोड़ेगी। इससे न केवल भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर सेवाओं तक आसान पहुंच बनेगी और सरकारी कामकाज भी सरल हो जाएगा। स्पष्ट है, प्रधानमंत्री नरेंद्र
नोटबंदी के बाद से लगातार मज़बूत हुई है भारतीय अर्थव्यवस्था
विमुद्रीकरण का अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ने, कैड में बेहतरी आने, केंद्रीय बैंक द्वारा सुधारात्मक कदम उठाने, निर्यात में वृद्धि आने, डॉलर की तुलना में रूपये में मजबूती आने, जीडीपी के बेहतर होने के आसार और जीएसटी के लागू होने आदि से अर्थव्यवस्था में गुलाबीपन आने की संभावना बढ़ गई है। मौजूदा समय में लगातार मजबूत होती मोदी सरकार अर्थव्यवस्था के हर मोर्चे पर सकारात्मक निर्णय ले रही है, जिसके अपेक्षित परिणाम बहुत ही जल्द दृष्टिगोचर होंगे, ऐसे कयास लगाये जा सकते हैं।
नोटबंदी के बाद काले धन पर फिर बड़ी कार्रवाई, ईडी ने की तीन सौ फर्जी कंपनियों पर छापेमारी
गत वर्ष नवम्बर में देश की अर्थव्यवस्था की जड़ों को खोखला करने वाले कालेधन के खिलाफ मोदी सरकार ने नोटबंदी जैसा बड़ा कदम उठाया ताकि देश में मौजूद कालेधन पर लगाम लगाईं जा सके। नोटबंदी के फैसले के बाद ज्यादातर राजनीतिक पार्टियों और कारोबारियों की रूह कांप गई कि आखिरकार वो अपने हर एक रुपये का हिसाब कहां से और कैसे देगे। चंदे आदि का हिसाब देने से बचने के कारण कई
मोदी सरकार के नेतृत्व में परिवर्तन की ओर अग्रसर भारत
उत्तर प्रदेश के नतीजों के तुरंत बाद उमर अब्दुल्लाह ने कहा था कि “विपक्ष को अब 2024 की तैयारी करनी चाहिए; 2019 में उसके लिए खास उम्मीद नहीं है”। उमर अब्दुल्ला ने संभवत: वर्तमान राजनीति की उस हक़ीकत को स्वीकारने का प्रयास किया, जिसे पूरा विपक्ष कहीं न कहीं समझ तो रहा है, मगर स्वीकार नहीं रहा। यद्यपि 2019 अभी दूर है; परंतु जमीनी हकीकत और तमाम समीकरणों को देखते हुए पूरी संभावना
‘मेक इन इंडिया’ के आगे धराशायी हुआ ‘मेड इन चाइना’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए मेक इन इंडिया अभियान का असर दिखना शुरू हो गया है। चीनी उत्पादों के बाजार के समक्ष अक्सर बौने साबित होने वाले भारतीय उत्पादों का लोहा अब दुनिया भी मानने लगी है। हाल ही में यूरोपीय संघ समेत दुनिया के 49 देशों के उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर किए गए एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में भारत को 36 अंक दिए गए है, जबकि पड़ोसी मुल्क चीन को 28 अंको के
स्वास्थ्य क्षेत्र की सभी समस्याओं और चुनौतियों का ज़वाब है नयी स्वास्थ्य नीति
सरकार ने नई स्वास्थ्य नीति की घोषणा संसद में कर दी है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह एक बड़ा ऐतिहासिक कदम है। लेकिन मीडिया में उसे वह तवज्जो नहीं मिली, जो मिलनी चाहिए थी। नरेन्द्र मोदी की अगुआई में देश ने आजादी के बाद सही मायनों में दो बुनियादी चीजों पर खास ध्यान दिया है – शिक्षा और स्वास्थ्य। नयी स्वास्थ्य नीति पूर्णतः जनोन्मुखी है। एक तो सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्यों केंद्रों में साधारण रोगों के लिए
मोदी सरकार के प्रयासों से बेरोजगारी के ख़ात्मे की जगती उम्मीद
मोदी सरकार द्वारा सत्ता में आने के बाद से युवाओं को रोजगार देने के लिए व्यापक स्तर पर बहुआयामी प्रयास किए गए हैं। इसमें प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से लेकर स्टार्टअप इंडिया तक विविध प्रकार की योजनाएं सरकार द्वारा शुरू की गयी हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार फिलवक्त भारत दुनिया का सर्वाधिक युवा देश है। इनमें से अनेक युवाओं को रोजगार सम्बन्धी कौशल विकास करके रोजगार योग्य