मोदी सरकार

मोदी सरकार को अर्थनीति सिखाने से पहले ज़रा अपनी गिरेबान में तो झाँक लीजिये, मनमोहन सिंह जी!

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी, संसद में आपकी इस तकरीर कि नोटबंदी संगठित और कानूनी लूट-खसोट है और इस फैसले से देश के किसानों और उद्योगों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा, ने कुल मिलाकर देश को हंसते-हंसते लोटपोट हो जाने का ही मौका दिया है। आपका यह प्रवचन ठीक उसी प्रकार है, जैसे कोई रोगी वैद्य किसी मरीज को बेहतर दवाओं का नुस्खा बताता है। आपको भान होना चाहिए कि स्वयं

ग्रामीण विकास को गति दे रही दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

ग्रामीण भारत के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की शुरूआत की। सरकार की अन्य योजनाओं की तरह की इसका लाभ आम जनता को मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार ने इसे मजबूत बनाने के लिए प्रमुख भाग में अलग-अलग फीडर की व्यवस्था कर बिजली के वितरण नेटर्वक को मजबूत किया है। इसके साथ ही सभी घरों में बिजली की सप्लाई

काले धन पर मोदी सरकार का एक और वार, शुरू हुई बेनामी संपत्तियों पर कार्रवाई की तैयारी!

नोटबंदी के बाद आम जनता की परेशानियों का बहाना बनाकर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किए जाने की तैयारियां तो विपक्ष द्वारा खूब की गईं, लेकिन सब विफल हो गया। जनता मजबूती के साथ इस कदम में देश और सरकार के साथ खड़ी है। नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार द्वारा बेनाम संपत्ति वालों पर भी नकेल कसने की तैयारियां शुरू हो चुकी है। चूंकि, काले धन का बड़ा हिस्सा इस तरह की संपत्ति में लगाकर

नोटबंदी के निर्णय से खुश है जनता, बस विपक्षी दलों को हो रही पीड़ा

एक कहावत है कि प्रहार वहां करो जहां चोट पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा ही करके काले धन के कारोबारियों और काली कमाई से सियासत का मचान तान रखे सियासतदानों की कमर तोड़ दी है। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि छलपूर्वक अर्जित की गयी काली कमाई को कैसे और कहाँ ठिकाने लगाएँ। अब उन्हें चारों तरफ का रास्ता बंद नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री ने दो टूक कह भी दिया है कि उनका अगला

नोटबंदी का फिजूल विरोध कर खुद को ‘संदिग्ध’ बना रहा विपक्ष

जबसे केंद्र सरकार ने पांच सौ और हजार के नोटों को बंद किया है, देश में एक विमर्श चल पड़ा है कि यह फैसला किसके हक में है ? सबसे पहले एक बात स्पष्ट होनी चाहिए कि इस फैसले से आम जनता को कुछेक दिन की थोड़ी दिक्कत है, जोकि सरकार भी मान रही है, लेकिन काले कारोबारियों, हवाला कारोबारियों, आतंकवाद के पोषकों के लिए यह फैसला त्रासदी लेकर आया है। सभी भ्रष्टाचार के अड्डो पर सन्नाटा

नोटबंदी : आम जन कर रहे सरकार का समर्थन, काला धन धारकों में मचा हड़कंप

आठ नवंबर की शाम को प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन में नोटबंदी के ऐतिहासिक फैसले के ऐलान से देश भर में हलचल मच गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब देश भर में 500 और 1000 के नोटों पर प्रतिबंध की घोषणा की तो काले धन की फसल उगाकर रखने वालो पर जैसे ओलों की बरसात हो गयी। जनता की खून-पसीनें की कमाई को अवैध और अनैतिक रूप से जमा करके बैठे ऐसे लोग अब मारे-मारे

नोटबंदी : काला धन और नकली नोटों के कारोबार पर जोरदार चोट

मोदी सरकार के एकाएक पांच सौ और एक हजार के नोट बंद करने के ऐतिहासिक फैसले ने राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा ​कर दी है। जहां एक ओर आम जनों द्वारा इसे काले धन पर अंकुश लगाने के लिए पीएम मोदी का की सर्जिकल स्ट्राइक माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर अधिकांश विपक्षी राजनीतिक दल सरकार के इस साहसिक फैसले पर राजनीति करते हुए नजर आ रहे हैं।

नोटबंदी के निर्णय से इतने हलकान क्यों हैं विपक्षी दल ?

मोदी सरकार द्वारा पांच सौ और हजार के नोट बंद करने के निर्णय को जहां एक तरफ भारी जन-समर्थन प्राप्त होता दिख रहा है। लोग थोड़ी-बहुत परेशानी उठाने के बावजूद भी इस निर्णय के प्रति सहमति जता रहे हैं। वहीँ दूसरी तरफ तमाम विपक्षी दल सरकार के इस निर्णय के बाद हलकान नज़र आ रहे हैं। इन दलों की समस्याओं को उनके वक्तव्यों व सरकार पर लगाए जा रहे उलूल-जुलूल आरोपों से समझा जा

काला धन और नकली नोटों पर लगाम लगाने की दिशा में मोदी सरकार का बड़ा कदम

मोदी सरकार द्वारा पांच सौ और हजार के नोट बंद करना काले धन और जाली नोटों पर लगाम लगाने की दिशा में सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कदम है। देश में बढ़ते हुए काले धन पर लगाम लगाने की दिशा में मोदी सरकार का यह कदम सराहनीय कहा जा सकता है। काले धन को रोकने के अपने चुनावी वायदे की धुन पर काम कर रही केन्द्र सरकार ने जिस तरीके से हजार और पांच सौ के नोट को तत्काल प्रभाव से बन्द

काला धन धारकों पर मोदी सरकार का करारा वार

30 सितम्बर, 2016 की तारीख इतिहास में दर्ज हो चुकी है। इसी रोज भारतीय सेना के डीजीएमओ द्वारा प्रेस वार्ता करके यह सूचना दी गई कि सेना ने पाक के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में जाके आतंकी कैम्पों पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई है। देश सेना के इस सर्जिकल स्ट्राइक पर गर्वित हुआ, मगर तब उसे अंदाजा नहीं था कि इस तारीख के बाद ही एक और बहुत बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की पटकथा तैयार हो रही थी।