मोदी सरकार

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना : कृषि उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहाँ कृषि आज भी देश की सर्वाधिक आबादी का कार्यक्षेत्र है। ऐसा कहने में दो राय नहीं है कि यहां के लोग सीधे मिट्टी से जुड़े हुए हैं। जिस तरह भारत के लोगों मिट्टी से जुड़े हुए है, ठीक उसी तरह फसल को लहलहाने और फसल से उसे सोना बनाने के लिए मिट्टी उतनी ही जरूरी है। मिट्टी के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों के लिए मृदा स्वास्थ्य

दक्षिणी चीन सागर में चीनी मनमानियों पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार ने कसी कमर

पाकिस्तान के प्रति मोदी सरकार की शानदार कूटनीति, जिसने उसे न केवल एशिया बल्कि पूरे विश्व में भी अलग-थलग करके रख दिया है, का परिचय देने के बाद बाद अब मोदी सरकार चीन के प्रति भी कठोर रुख अख्तियार करने के मूड में दिख रही है। अब भारत दक्षिणी चीन सागर में चीन की मनमानियों पर लगाम लगाने के लिए कमर कस चुका है। इसीलिए चीन के बड़े प्रतिद्वंद्वी जापान के साथ मिलकर दक्षिणी

भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनर्स्थापित करने में जुटी मोदी सरकार

हमें स्वाधीनता जरूर 15 अगस्त, 1947 को मिल गई थी, लेकिन हम औपनिवेशिक गुलामी की बेड़ियाँ नहीं तोड़ पाए थे। अब तक हमें औपनिवेशिकता जकड़े हुए थी। पहली बार हम औपनिवेशिकता से मुक्ति की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। हम कह सकते हैं कि भारत नये सिरे से अपनी ‘डेस्टिनी’ (नियति) लिख रहा है। यह बात ब्रिटेन के ही सबसे प्रभावशाली समाचार पत्र ‘द गार्जियन’ ने 18 मई, 2014 को अपनी

सांसद आदर्श ग्राम योजना : ग्रामीण विकास की दिशा में एक सार्थक पहल

दिनांक 11 अक्टूबर 2014 को मोदी जी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का मकसद वर्ष 2016 तक प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में एक आदर्श ग्राम की स्थापना एवं वर्ष 2019 तक इन आदर्श ग्रामों की संख्या बढ़ाते हुए तीन तक करने की है। फिर इन पांच वर्षों में इस क्षेत्र में हुए क्षमता विकास की मदद से आगामी पांच वर्षों में यानी की 2024 तक पांच और गाँव को आदर्श ग्राम की तरह विकसित

सरकार की कौशल विकास नीतियों से ख़त्म हो रहा बेरोजगारी का संकट

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) को लागू किये 31 मार्च 2016 को दो वर्ष पूरा हो गया। एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद शुरू की गई नयी नीतियों में यह एक महत्वपूर्ण नीति है। देश में युवाओं के कौशल विकास के लिए यह नीति तैयार की गई है ताकि पूरे देश में सभी तरह के कौशल प्रशिक्षण के प्रयासों में निरंतरता, सामंजस्य और समन्वय स्थापित किया जा सके। इस नीति के लागू करने का

मोदी सरकार की शानदार कूटनीति का उदाहरण है ब्रिक्स और बिम्सटेक देशों का साझा सम्मेलन

विगत दिनों गोवा में संपन्न ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में जिस तरीके से भारत ने पाक को अलग-थलग करने की अपनी कूटनीति का प्रदर्शन किया, वो बेहद शानदार और दूरगामी प्रभाव वाला कदम माना जा सकता है। पिछली सरकारों ने भी पाकिस्तान को वैश्विक रूप से अलग-थलग करने के लिए प्रयास किए थे, लेकिन वे प्रयास न के बराबर ही सफल रहे। लेकिन, मोदी सरकार की पाक को वैश्विक तौर पर अलग-थलग करने की

नमामि गंगे : निर्मल और अविरल गंगा के लिए भागीरथ प्रयास

प्रत्येक नदी अपने आप में सभ्यता का प्रतीक मानी जाती हैं और गंगा तो हजारों साल पुराने इस देश की न सिर्फ सभ्यता है, बल्कि जीवन रेखा है, वह भी अटूट श्रद्धा लिए हुए। इसका उल्लेख दो हजार साल पहले यूनानी राजदूत मैगस्थनीज ने अपनी किताब “इंडिका” में भी किया। सनातन धर्म के शास्त्र-पुराणों में यहां तक जिक्र है कि कलियुग में गंगा ही पापनाशिनी और मोक्ष प्रदायिनी है। ऋग्वेद, महाभारत, रामायण व

मुद्रा योजना : छोटे उद्यमियों के आए अच्छे दिन

पिछले साल अर्थात वर्ष 2015 में 8 अप्रैल को प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक नाम से प्रारम्भ की गई योजना नए उद्यमियों के लिए लाइफलाइन के तौर पर साबित हो रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की यह एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका लक्ष्य भारत के छोटे उद्यमियों की सहायता करना है। यह योजना भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के विकास और समृद्धि में सहायक बनने का सबसे बड़ा माध्‍यम बन कर उभर रही है।

मोदी सरकार के कदमों से लगा काले धन के प्रवाह पर अंकुश

लोकसभा चुनाव के दौरान ही नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया था कि सरकार बनने के बाद काला धन रखने वालों को बख्शा नहीं जायेगा, जैसे ही सरकार का गठन हुआ मोदी सरकार ने काला धन के मालिकों पर कार्रवाई शुरू कर दी जिसका असर अब व्यापक रूप से देखने को मिल रहा है। मोदी सरकार

अगर सेना के साथ सरकार को भी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का श्रेय मिल रहा तो इसमें गलत क्या है ?

गत महीने श्रीनगर के उड़ी में पाक-प्रेरित आतंकी हमला हुआ और हमारे १८ जवान शहीद हो गए। इसके बाद देश में आक्रोश का माहौल पनपा। प्रधानमंत्री मोदी ने भरोसा दिया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। बदला लिया जाएगा। फिर उच्चस्तरीय बैठकों का दौर चलता रहा। दस दिन गुजर गए। कुछ नहीं हुआ। सरकार पर सवाल उठाए जाने लगे। मोदी विरोधियों द्वारा छप्पन इंच की छाती के बयान का मज़ाक