सनातन सांस्कृतिक मूल्यों के पुनर्स्थापन के साथ-साथ विकास की धारा को भी गति देगा मंदिर निर्माण
कहना होगा कि राम मंदिर का निर्माण भारत के सनातन सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतिस्थापन तो है ही, इससे विकास की धारा को भी गति मिलेगी।
राम मंदिर : भूमि-पूजन पर विपक्ष का बेमतलब बवाल
राजनीति तोड़ती है, जबकि संस्कृति जोड़ती है। इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि राम मंदिर राजनीतिक नहीं, अपितु एक सांस्कृतिक मुद्दा है।
अनुच्छेद-370 हटने के बाद बदल रही जम्मू-कश्मीर की तस्वीर
यह कहना गलत नहीं होगा कि इस एक साल में कश्मीर की छवि इसकी पूर्ववर्ती छवि से विपरीत बनती जा रही है। जो क्षेत्र विध्वंस, पिछड़ेपन का पर्याय बन गया था, वह अब प्रगति के सोपान चढ़ रहा है।
लगातार मजबूत हो रहे भारत-अमेरिका आर्थिक संबंध
हाल के समय में भारत और अमेरिका के बीच आपस में व्यापार और निवेश के सम्बंध मज़बूत होते जा रहे हैं। विशेष तौर पर विदेशी व्यापार के क्षेत्र में अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा साझीदार बन गया है।
जम्मू-कश्मीर का शेष भारत से सही अर्थों में एकीकरण करने में कामयाब रही मोदी सरकार
अनुच्छेद-370 खत्म होने के एक लगभग एक साल पूरे होने पर आज हम देख सकते हैं कि सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से न केवल आतंकवाद-अलगाववाद में कमी आई है, बल्कि आम जनता को राहत मिली है।
अनुच्छेद-370 हटने के एक साल में शांति और विकास के पथ पर बढ़ चला है जम्मू-कश्मीर
पहले जम्मू-कश्मीर में केंद्र द्वारा जारी की गयी विकास की राशि का ठीक से इस्तेमाल भी नहीं हो पा रहा था। लेकिन अब इसी एक साल के अन्दर कश्मीर के गाँवों में 20,000 से ज्यादा छोटे बड़े विकास कार्यों की आधारशिला रखी गई है
कोरोना संकट में श्रमिकों पर राजनीति कर विपक्षी दलों ने अपना असल चरित्र दिखा दिया
अंध-विरोध को ही अपनी राजनीति का मूल बना चुके विपक्षी दलों का रुख इस दौर में उत्तरदायित्वशून्य और निराशाजनक रहा है।
मोदी सरकार के प्रयासों से अलगाववाद और हिंसा से मुक्त हो विकास के पथ पर बढ़ रहा पूर्वोत्तर
वर्तमान सरकार भारत के इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में विकास-कार्यों में लगी है और यहां तमाम तरह की महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दे रही है।
‘कोरोना से लड़ाई में सरकार ने जो फाइटिंग-स्पिरिट दिखाई है, वो खुद में एक मिसाल है’
केंद्र सरकार ने इस आपदा-काल में योजनाओं और नीतियों के समन्वय और जनता से मिले सहयोग से एक उदाहरण प्रस्तुत किया है कि हम कोरोना जैसी आपदा से कैसे लड़ें।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कांग्रेसी कार्य-संस्कृति से मुक्त हुआ देश
आजादी के बाद से ही गरीबी मिटाने और सभी तक बिजली पहुंचाने के लिए ढेरों योजनाएं चलीं लेकिन लक्ष्य पूरा नहीं हुआ। हां, इन योजनाओं के भ्रष्टाचार से अफसरों-नेताओं-ठेकेदारों की कोठियां जरूर गुलजार हो गईं।