संकट के समय भी चुनावी राजनीति में उलझी है कांग्रेस
आजादी के बाद से ही कांग्रेसी सरकारें गरीबों के कल्याण का नारा लगाकर अपनी और अमीरों की तिजोरी भरती रही हैं। यही कारण है कि बिजली, पानी, अस्पताल, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं आम आदमी की पहुंच से दूर रहीं।
कोरोना आपदा के समय में भी घरेलू उत्पादन बढ़ाने में कामयाब रही मोदी सरकार
जिस देश में सूखा, बाढ़, भूकंप जैसी कुदरती आपदाओं के समय में राहत सामग्री के नाम पर घोटालों का रिकॉर्ड रहा हो उस देश में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से देशवासियों को बचाने साथ-साथ घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना एक बड़ी उपलब्धि है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान : दीनदयाल उपाध्याय के विचारों पर चल रही मोदी सरकार
दीनदयाल उपाध्याय का राजनीतिक, सांस्कृतिक तथा आर्थिक दर्शन भारतीयता के मूल से निकला हुआ दर्शन है, किन्तु वैचारिक मदभेदों के कारण देश में लंबे समय तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेसनीत सरकारों ने उन विचारों की उपेक्षा की, जिसका दुष्परिणाम हम बढ़ते पूंजीवाद, व्यवस्थाओं के केन्द्रीकरण, आयात पर निर्भरता, असंतुलित औद्योगीकरण के रूप में देख सकते हैं।
अभिनव आर्थिक उपायों से देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में जुटी सरकार
तरलता की समस्या सबसे पहले हल किए जाने का प्रयास हो रहा है ताकि देश की अर्थव्यवस्था, जो देश के नागरिकों को कोरोना महामारी से बचाने के उद्देश्य से किए गए लॉक डाउन के चलते, जाम हो गई है उसे तरलता की चिकनाई प्रदान कर अब पुनः चालू किया जा सके।
‘सरकार आमजन व अर्थव्यवस्था को बचाने में जुटी है और विपक्षी दल अपनी राजनीति चमकाने में’
कोरोना महामारी के संक्रमण के बढ़ते दायरे के साथ सरकार के प्रयासों और योजनाओं का भी दायरा बढ़ा है। मौजूदा आर्थिक, औद्योगिक और स्वास्थ्यगत संकट को देखते हुए केंद्र सहित राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर अधिक से अधिक काम करने का प्रयास कर रही हैं।
पीओके पर भारत के कड़े रवैये से थरथराता पाकिस्तान
पाकिस्तान ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत कभी पाक अधिकृत कश्मीर की ओर नजर उठा कर देखेगा भी। इसी का नतीजा है कि जैसे ही भारतीय मौसम विभाग ने पाकिस्तान के गिलगिट, मुजफ्फराबाद, मीरपुर का तापमान बताना शुरू किया वैसे ही पाकिस्तान की नींद हराम हो गई।
एमएसएमई क्षेत्र की मजबूती से निकलेगा आत्मनिर्भर भारत का रास्ता
कृषि क्षेत्र के बाद, एमएसएमई क्षेत्र में रोज़गार के सबसे अधिक अवसर निर्मित होते हैं। 73वें राष्ट्रीय सैम्पल सर्वेक्षण के अनुसार, देश में एमएसएमई क्षेत्र में 6.34 करोड़ इकाईयाँ कार्यरत थीं, ज़िनके माध्यम से 11.1 करोड़ व्यक्तियों (4.98 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में एवं 6.12 करोड़ शहरी क्षेत्रों में) को रोज़गार उपलब्ध कराया जा रहा था।
कोरोना काल में भी भारत को परेशान करने की कोशिश में लगे पाक को हर मोर्चे पर मिल रही मात
इस कोरोना काल में भारत को परेशान करने में लगा पाक हर मोर्चे पर मात खा रहा है। अब सोचना पाकिस्तान को ही है कि वो कोरोना जैसे वैश्विक संकट के इस दौर में अब भी क्या खुद में कुछ बदलाव लाएगा और इस आपदा से अपने लोगों को बचाने के लिए काम करेगा या भारत से बेमतलब का वैर ठानकर अपने लोगों को और मुश्किल में डालेगा।
मोदी जिस आत्मनिर्भर भारत की बात कर रहे, वो कांग्रेसी सरकारों के एजेंडे में कभी था ही नहीं
12 मई को राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के दौर में अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए बीस लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का एलान किया। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में सुधार की बात कही ताकि आत्मनिर्भर भारत का ख्वाब हकीकत में बदल सके।
कोरोना संकट : मोदी विरोध की अपनी राजनीति में बंगाल को संकट में डाल रहीं ममता
ममता बनर्जी का यह पुराना तरीका है कि जब कोई बड़ी समस्या सुलझाने में आप नाकाम होने लगो तो उसके लिए केंद्र और नरेन्द्र मोदी को बदनाम करना शुरू कर दो। कोरोना का संकट जब दस्तक दे रहा था तो उन्होंने केंद्र द्वारा दी गई चेतावनी को हल्के में लिया, और ऐसा भी कहा कि दिल्ली में हुई हिंसा से ध्यान हटाने के लिए केंद्र सरकार लोगों में दहशत फैलाना चाहती है।