मोदी सरकार की नीतियों से विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ता भारत !
मॉर्गन स्टेनली की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में चक्रीय सुधार का दौर जारी है, जिसके कारण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वर्ष 2017 के 6.4 प्रतिशत की तुलना में वित्त वर्ष 2018 में 7.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2019 में 7.7 प्रतिशत पर पहुँच सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार बैंकों के बैलेंस शीट को साफ-सुथरा करने की कोशिश कर रही है। नोटबंदी और जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण फैसलों को
आईसीजे में दलवीर भण्डारी की जीत का मतलब !
20 नवम्बर, 2017 को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आइसीजे) में भारत के जस्टिस दलवीर भंडारी को न्यायाधीश के रूप में चुना गया। यह दूसरी बार है, जब भंडारी जी आइसीजे के न्यायाधीश के रूप में चुने गए हैं। इससे पहले वे 2012 में आइसीजे के न्यायाधीश चुने गए थे, उनका कार्यकाल 18 फरवरी को पूरा हो रहा था। आइसीजे में दलवीर भंडारी जी की जीत भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
मनीला में दिखा भारत का दम, चीन से मुकाबले की बनी रणनीति !
किसी वैश्विक शिखर सम्मेलन में प्रायः कुछ देशों की अलग से जुगलबंदी नहीं होती। लेकिन इसके अपवाद भी हैं। कई बार हालात इसके लिए विवश कर देते हैं। फिलीपींस की राजधानी मनीला में यही हुआ। चीन की विस्तारवादी नीति ने अलग ढंग के हालात बना दिये हैं। इसके मद्देनजर उसे सन्देश देना आवश्यक था। अन्य कोई विकल्प नहीं था। क्योंकि, चीन वैश्विक नियमों को चुनौती देते हुए हिन्द प्रशांत क्षेत्र में अपने सैन्य
प्रधानमंत्री मोदी के न्यू इंडिया को साकार करने के लिए नीति आयोग ने कसी कमर !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यू इंडिया के निर्माण में आगमी पांच वर्षों को बहुत अहम बताया था। यह स्पष्ट हो रहा है कि नीति आयोग ने इसके लिए कमर कस ली है। न्यू इंडिया का रोडमैप सामने है। नीति आयोग ने 2022 का विजन डॉक्यूमेंट जारी किया है। इस समयसीमा में देश को गरीबी, गन्दगी, भ्र्ष्टाचार आतंकवाद, जातिवाद और सम्प्रदायवाद से मुक्त कर देने का लक्ष्य है। इसका मतलब है कि न्यू इंडिया में ये कमजोरियां नहीं
एक साल में देश के लिए हर तरह से लाभकारी रही नोटबंदी !
आज से एक वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन व भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिये एक सार्थक पहल नोटबंदी की घोषणा करते हुए 500 व 1000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। नोटबंदी, देश के आर्थिक विकास के लिए बहुत ही अच्छा और सराहनीय कदम था। इससे आने वाले समय में देश में सुख और समृद्धि ही आएगी। विपक्ष नोटबंदी के फैसले का भले विरोध करता रहा हो, पर शुरूआती परेशानियों के
गुजरात चुनाव : विकास की राजनीति बनाम विद्वेष की राजनीति
गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। दोनों राज्यों में अपनी सरकार बनाने के लिए भाजपा व कांग्रेस अपने-अपने स्तर पर जुटे हुए हैं। लेकिन, यहां दोनों दलों के काम करने के, प्रचार करने के तरीके में अंतर स्पष्ट नज़र आता है। एक तरफ जहां भाजपा सकारात्मक ढंग से प्रचार कर रही है, वहीं कांग्रेस सस्ते हथकंडे अपनाकर थोथी राजनीति दिखाने से बाज नहीं आ रही। इसी के समानांतर नेताओं
केदारनाथ का पुनर्निर्माण : मोदी जो ठान लेते हैं, उसे पूरा करके रहते हैं !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कहा जाता है कि वह जिस बात को ठान लेते हैं, उसे पूरा करके रहते हैं। उनकी यह संकल्पबद्धता देश-विदेश के करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण के मामले में देखने को मिल रही है। वर्ष 2013 की भीषण आपदा में केदारपुरी के बुरी तरह से तबाह होने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी उत्तराखंड आए थे। तब उन्होंने उत्तराखंड की तत्कालीन कांग्रेस सरकार
‘मेरे लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों की सेवा ही बाबा की सेवा है’
राजनेताओं के धर्मिक स्थलों पर जाने, वहां पूजा-अर्चना करने की परंपरा पुरानी है। इसे उनकी व्यक्तिगत रुचि कहा जा सकता है। लेकिन नरेंद्र मोदी आध्यात्मिक भावना के साथ पर्यटन का विचार भी साथ लेकर चलते हैं। ऐसी कई यात्राओं में वह इसका प्रमाण दे चुके हैं। गोवर्धन पूजा के दिन वह केदारनाथ धाम पहुंचे और पूजा-अर्चना की। लेकिन, यह उनका एकमात्र उद्देश्य नहीं था। वह जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस समय से
स्क्रिप्ट राइटर नेता नहीं बनाते, नेता ‘परफॉर्म’ करके बना जाता है राहुल गांधी जी !
इन दिनों खबर मिल रही है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने स्क्रिप्ट राइटर बदल लिए हैं। अब वो लोग उनके लिए लिखने लगे हैं जो फिल्मों के लिए डायलॉग्स लिखते हैं और पहली कतार में बैठे लोगों की तालियाँ बटोरते हैं। राहुल गांधी सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए आजकल सस्ते फ़िल्मी हथकंडे का सहारा ले रहे हैं। चुटकुले, कहानियाँ और पहेलियाँ सुनाना उनका शगल हो गया है, जनता उन्हीं को सुनकर मनोरंजन
भ्रष्ट और काहिल अफ़सरों पर सख्त मोदी सरकार
सरकार ने छतीसगढ़ कैडर के दो आईपीएस अफसरों की सेवाएं समाप्त करके ये स्पष्ट संकेत दिया है कि काहिल अफसरों की खैर नहीं। सरकार भ्रष्ट और संदिग्ध छवि वाले अफसरों को बख्शने के लिए कतई तैयार नहीं है। सत्ता पर काबिज होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त अंदाज में भ्रष्ट सरकारी बाबुओं को चेतावनी दी थी कि न मैं खाऊंगा और न ही किसी को खाने दूंगा व ‘न चैन से बैठूंगा, न चैन से बैठने दूंगा’।