यूपी निकाय चुनाव परिणामों से क्या सन्देश निकलता है!
गुजरात विधानसभा चुनाव से पूर्व भारतीय जनता पार्टी यूपी निकाय चुनावों की अग्निपरीक्षा में सफल रही। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव वाली लहर को निकाय चुनाव में भी भाजपा कायम रखने में कामयाब रही। उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों के परिणामों ने कांग्रेस की जमीन कुछ हद तक गुजरात के लिए खिसका दी है। इन नतीजों में भविष्य के कई संकेत छिपे हुए हैं।
यूपी निकाय चुनावों की शर्मनाक हार के बाद तो अपनी नकारात्मक राजनीति से बाज आए कांग्रेस !
उत्तर प्रदेश के निकाय चुनावों में भाजपा ने अपना परचम लहराया और कांग्रेस-सपा आदि दलों को बुरी तरह से मुंह की खानी पड़ी। कांग्रेस की हार को तवज्जो देना इसलिए जरूरी है, क्योंकि अमेठी जो कल तक पार्टी का गढ़ माना जा रहा था, वहां से भी उसे हार का गहरा जख्म मिला है। निकाय चुनावों में पराजय इस बात का संकेत है कि कांग्रेस को जनता ऊपर से नीचे तक पूरी तरह से खारिज करती जा रही है। ये हार विशेष रूप
यूपी निकाय चुनावों में जीएसटी, नोटबंदी और ईवीएम के विरोधियों को जनता ने दिखाया आईना!
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मेहनत सफल हुई। भाजपा की विजय का सिलसिला यूपी के निकाय चुनावों में भी जारी रहा। निकाय चुनाव में विपक्षी पार्टियां बहुत पीछे रह गईं। ऐसा नहीं कि योगी आदित्यनाथ ने केवल कुछ दिन प्रचार किया, वह तो मुख्यमंत्री बनने के साथ ही विकास के लिए जी-जान से जुट गए थे। किसानों की कर्ज माफी से शुरुआत हुई। फिर उनकी सरकार ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। गेहूं-