समाजवादी पार्टी के लिए तो अब यही कहेंगे कि रस्सी जल गयी, मगर बल नहीं गया !
उत्तर प्रदेश विधानसभा में विगत सोमवार को समाजवादी पार्टी के विधायकों ने जिस तरह का आचरण किया, उससे लोकतंत्र कलंकित जरूर हुआ। वे जिस तरह से माननीय राज्यपाल राम नाईक पर कागज के गेंदें उछल रहे हैं, वो बेशक शर्मनाक है। उत्तर प्रदेश एक दौर में देश की प्राण और आत्मा माना जाता था। कहते थे, जो उत्तर प्रदेश आज सोचता है, उसे शेष देश दो दिनों के बाद सोचता है।