शिक्षण संस्थानों में सुधार के लिए मुख्यमंत्री योगी की सार्थक पहल !
शिक्षण संस्थानों के सुधार में प्राचार्य और कुलपति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। सभी परिस्थितियां समान होने के बावजूद इन पदों पर तैनात व्यक्ति अलग अलग परिणाम देते हैं। कई बार पर्याप्त संसाधन नहीं होते, फिर भी प्राचार्य या कुलपति बेहतर परिणाम देते हैं। ऐसा वह अपनी इच्छाशक्ति और प्रबंधन क्षमता से कर दिखाते हैं। इसमें पहला तथ्य अनुशासन का होता है। एक बार अनुशासन दुरुस्त हो जाता है, तब
यूपी के सुशासन के कारण अन्य प्रदेशों में भी बढ़ रही योगी की लोकप्रियता !
पिछले कुछ समय से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गुजरात, मुम्बई और नोयडा की यात्राएं चर्चित रहीं। गुजरात में वह चुनाव के सिलसिले में गए थे। गुजरात के जनमानस ने उनके प्रति बहुत उत्साह दिखाया। मुम्बई वह निवेश हेतु आयोजित समिट में शामिल हुए थे। यहां देश के शीर्ष उद्योगपतियों से उनकी सार्थक वार्ता हुई। अब नोएडा की यात्रा मील के पत्थर की भांति दर्ज होगी। योगी ने नोएडा को लेकर दशकों से जारी पूर्व
यूपी में निवेश के लिए माहौल बनाने में जुटी योगी सरकार !
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में निवेश के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है। राष्ट्रीय स्तर पर इसकी चर्चा है। योगी यह भी जानते है कि मात्र सम्मेलन कर लेने से निवेश आकर्षित नही होता है। इसके लिए पहले से इंतजाम करने होते हैं। इसके पहले ये विषय नौकरशाही की प्राथमिकता में नहीं थे, क्योंकि पिछली सपा सरकार ही निवेश के अनुकूल माहौल बनाने के प्रति गम्भीर नहीं थी।
योगी की मॉरीशस यात्रा का क्या है हासिल ?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मॉरीशस यात्रा से द्विपक्षीय रिश्तों का नया अध्याय लिखा है। उन्होने आर्थिक और व्यापारिक रिश्तों पर ही जोर नहीं दिया, बल्कि सांस्कृतिक रिश्तों को भी आगे बढ़ाया है। इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मॉरीशस गए थे, उस दौरान कई विषयों पर आपसी सहमति बनी थी। योगी ने उनको भी न केवल आगे बढ़ाया, बल्कि उसकी
‘भारत के मजदूरों और किसानों के खून-पसीने से बना है ताजमहल’
जो पांच बार के सांसद रहे हैं; हिंदुत्व और राष्ट्रवाद पर खुल कर बोलते रहे हैं; विरोधी उनके जिस तेवर पर निशाना साधते हैं, समर्थक उनके उसी तेवर के दीवाने हैं; वे गुरूवार को जब बतौर मुख्यमंत्री ताजमहल देखने पहुंचे तब देश और दुनिया भर की मीडिया की नजर उनके हर एक अंदाज पर थीं। इसलिए, क्योंकि मुख्यमंत्री बनने के बाद वे पहली बार ताजमहल देखने गए, इसलिए भी क्योंकि मुख्यमंत्री बनने से पहले भी वे कभी
योगी की गुजरात यात्रा राजनीतिक होने के साथ-साथ यूपी के विकास पर भी केन्द्रित थी !
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गुजरात यात्रा मुख्य रूप से राजनीतिक थी, लेकिन यहां भी वह उत्तर प्रदेश के विकास को नही भूले। अवस्थापना और औद्योगिक विकास के अधिकारी गुजरात यात्रा में उनके साथ थे। मुख्यमंत्री गुजरात के निवेशकों से मिले और उन्हें उत्तर प्रदेश में निवेश का आमंत्रण दिया। इस प्रकार यह यात्रा आर्थिक विकास की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो गई। कार्य करने का यही अंदाज प्रधानमंत्री
योगी सरकार ने जारी किया रिपोर्ट कार्ड, सुधार और विकास की राह पर बढ़ रहा प्रदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रिपोर्ट कार्ड जारी करने की परंपरा को आगे बढाया। अपनी सरकार के सौ दिन पूरे होने पर उन्होने रिपोर्ट कार्ड जारी किया था। वह बिल्कुल शुरुआती दौर था। फिर भी योगी आदित्यनाथ ने अपनी जबाबदेही का स्वयं निर्धारण किया। रिपोर्ट कार्ड के रूप में उसे सार्वजनिक किया। अब सरकार ने छह महीने पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर भी मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट कार्ड जारी किया है। यह तय
योगी सरकार के श्वेत पत्र ने खोला सपा-बसपा सरकारों के ‘कारनामों’ का कच्चा-चिट्ठा
विरासत पर श्वेतपत्र जारी करना प्रत्येक सरकार का अधिकार और कर्तव्य दोनो है। यह एक बेहतर परम्परा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी शुरुआत की है। प्रदेश की जनता को पिछली सरकारों के क्रियाकलापो के संबन्ध में जानने का अधिकार भी है। चुनाव के समय बहुत आरोप प्रत्यारोप लगते हैं। जो पार्टी सत्ता में आती है, उसी पर सच्चाई को सामने लाने की जिम्मेदारी होती है। यदि यह कार्य पिछली
कड़े फैसलों से यूपी को पटरी पर लाने की कवायदों में जुटी योगी सरकार
यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार को करीब चार महीने पूरे हो गए हैं। किसी सरकार की समीक्षा के लिए यूं तो चार महीने का समय पर्याप्त नहीं होता लेकिन इन चार महीनों में ही सरकार ने अपने अंदाज से आगाज का एहसास करा दिया है। ये बता दिया है कि उत्तर प्रदेश में अब वो नहीं चलेगा जो पिछले चौदह पंद्रह सालों से यहां होता आ रहा था। जाहिर है, डेढ़ दशक का वक्त काफी होता है और डेढ़ दशकों में ना सिर्फ उत्तर
केंद्र और यूपी सरकार के बीच हुए ‘पॉवर फॉर आल’ समझौते से ख़त्म होगा यूपी का बिजली संकट
सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला मुख्यालयों में 24 घंटे, तहसील में 20 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति का आदेश दिया। 100 दिनों में 5 लाख नए कनेक्शन देने के साथ-साथ जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए 48 घटे का समय दिया है। बिजली की मांग-आपूर्ति की खाई को बिडिंग के जरिए बिजली खरीद कर पूरा करने के साथ-साथ प्रदेश के