डिफेंस एक्सपो 2020 : भारत को रक्षा उपकरणों का ‘मैन्युफैक्चरिंग हब’ बनाने की पहल
सामरिक क्षेत्र में भारत की भागीदरी पिछले करीब पांच-छः वर्षों में बढ़ी है। अब कोई भी देश भारत को नजरअंदाज करने की स्थिति में नहीं है। भले भारत अभी संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य नहीं है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मसलों पर उंसकी भूमिका महत्वपूर्ण रहती है। नरेंद्र मोदी सरकार ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है।
लखनऊ में होने जा रहा डिफेन्स एक्सपो 2020, भारत को रक्षा विनिर्माण हब बनाने की कवायद
अगले महीने स्वतंत्र भारत के रक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ेगा। पांच फरवरी से नौ फरवरी तक लखनऊ में अभूतपूर्व डिफेंस एक्सपो का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन मेक इन इंडिया अभियान को आगे बढ़ाने में सहायक होगा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने दो वर्ष पहले इन्वेस्टर्स समिट का अभूपपूर्व आयोजन किया था। इतना ही नहीं प्रयागराज कुम्भ, प्रवासी सम्मेलन भी
हिंसक विरोध प्रदर्शनों से निपटने में योगी सरकार ने नया मानक स्थापित किया है
एक ओर योगी सरकार उत्तर प्रदेश में दंगाइयों पर काबू पाने और कानून का राज स्थापित करने में जुटी है तो दूसरी ओर कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी दंगाइयों का समर्थन कर वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोविंद चौधरी ने तो मुस्लिमपरस्ती की अति करते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन करने वालों को पेंशन देने के
योगी सरकार के ढाई वर्षों में चहुँमुखी विकास के पथ पर उत्तर प्रदेश
योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले प्रदेश के माहौल को सुधारने का कार्य किया। अन्य सुधार भी इसी से जुड़े थे। योगी ने इस तथ्य को समझ लिया था। इसी के अनुरूप उन्होंने सुशासन की स्थापना को प्राथमिकता दी। इसके बाद बिजली और सड़क को महत्व दिया। डिफेंस कॉरिडोर में पच्चीस हजार करोड़ रुपये के निवेश का निर्णय लिया गया।
वृक्षारोपण महाकुम्भ : पर्यावरण संरक्षण की दिशा में योगी सरकार का बड़ा कदम
नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण और तालाब खुदवाए जाएंगे। सड़कों के दोनों किनारों पर वृक्षारोपण अभियान की व्यापक कार्य योजना बनाई गई है। इस अभियान में पीपल, नीम, इमली, जामुन, अर्जुन, पाकड़, सागौन, शीशम, बरगद आदि प्रजातियों के वृक्षों को प्रमुखता दी जाएगी। जो पौधे लगाए जाएंगे, उनकी पूरी देखभाल और सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।
इन्वेस्टर्स समिट : न्यू इंडिया की दिशा में सर्वाधिक योगदान देने की कोशिश में जुटा उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट पिछली सरकारों के समय भी बहुत जोर शोर से होती रही है और उनमें देश के शीर्ष उद्योगपति शामिल होते रहे हैं। इसके माध्यम से प्रदेश के औद्योगिक विकास का सपना भी दिखाया जाता रहा है, लेकिन इस समिट से जमीनी स्तर पर कोई विशेष उपलब्धि हासिल नहीं हुई।
सोनभद्र प्रकरण पर राजनीति कांग्रेस को फायदा नहीं, नुकसान ही पहुंचाएगी
इस खूनी खेल के लिए अगर कोई ज़िम्मेदार है तो सबसे पहले कांग्रेस उसके बाद समाजवादी और बसपा की पूर्ववर्ती सरकारें, जिन्होंने अपने राजनीतिक फायदे को देखा लेकिन गरीब आदिवासियों के लिये कुछ नहीं किया। अपना राजनीतिक वजूद ढूंढ रहे कांग्रेस परिवार को सोनभद्र जैसी घटना के बाद राजनीति करने से बचना चाहिए था,
न्यू इंडिया की दिशा में केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बढ़ रही योगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार की प्रेरणा से विकास के अनेक कीर्तिमान स्थापित किये हैं। स्वच्छता, शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री निर्धन आवास निर्माण आदि के मामले में उत्तर प्रदेश नम्बर वन पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि केवल दो वर्षों में ही हासिल हुई है।
यूपी अनुपूरक बजट : एकबार फिर स्पष्ट हुआ योगी सरकार का विकासपरक दृष्टिकोण
राजव्यवस्था का संचालन बजट पर निर्भर होता है। विधि निर्माताओं से बजट पर गंभीर विचार विमर्श की अपेक्षा रहती है। इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि पूर्ण बजट हो या अनुपूरक बजट। लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश होने के दौरान विपक्ष की उदासीनता दिखाई दी। फिर भी सरकार अपने मकसद में सफल रही। उसने प्रदेश के विकास को गति देने का
बाबा साहेब के नाम में सुधार का विरोध करने वालों को केवल अपनी राजनीति की चिंता !
डॉ. आंबेडकर अपने नाम के साथ पिता के नाम को देखकर भावविह्वल होते होंगे। मगर, बिडंबना देखिये उनके नाम पर सियासत करने वालों को इस पर भी आपत्ति है। वह उनके नाम में उतने शब्द ही देखना चाहते हैं, जितने उनकी सियासत में फिट बैठते हैं। जिन्हें उनके नाम के कुछ शब्दों पर कठिनाई है, वह उनका पूरा सम्मान कभी नहीं कर सकते। इसका जवाब तलाशना होगा कि उनके पूरे नाम को किसकी इच्छा से