घरेलू रक्षा उत्पादन में क्रांति लाने में कामयाब रही मोदी सरकार
जिस देश में एक पर्व (विजयदशमी) विशेष रूप में शस्त्र पूजन के लिए हो वह देश दुनिया में हथियारों का अग्रणी आयातक हो तो इसे विडंबना ही कहा जाएगा। देश में अस्त्र-शस्त्र निर्माण की बहुत पुरानी परंपरा रही है। आधुनिक संदर्भ में देखें तो भारतीय रक्षा उद्योग की नींव 200 साल पहले ब्रिटिश काल में रखी गई।