राजीति

दीनदयाल उपाध्याय : जिनके लिए राजनीति साध्य नहीं, साधन थी !

भारतीय राजनीति में दीनदयाल जी का प्रवेश कतिपय लोगों को नीचे से ऊपर उठने की कहानी मालुम पड़ती है। किन्तु वास्तविक कथा दूसरी है। दीनदयाल जी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में रहकर जिस आंतरिक व महती सूक्ष्म भूमिका को प्राप्त कर लिया था, उसी पर वे अपने शेष कर्म शंकुल जीवन में खड़े रहे। उस भूमिका से वे लोकोत्तर हो सकते थे, लोकमय तो वो थे ही। देश के चिन्तक वर्ग को कभी-कभी लगता है कि