राफेल

भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए यादगार रहा बीता सप्ताह, मिली कई सफलताएं!

बीता सप्‍ताह भारत के रक्षा क्षेत्र के नज़रिये से बहुत सकारात्‍मक और नई ऊंचाइयों को प्राप्‍त करने वाला रहा। अलग-अलग बिंदुओं पर, विभिन्‍न मोर्चों से संबंधित उपलब्धियां देश को हासिल हुईं। सबसे बड़ी उपलब्धि यह थी कि अमेरिका की नामी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने भारत के साथ मिलकर साझेदारी की शुरुआत की। इस कंपनी के एफ-16 लड़ाकू विमान के विंग्‍स अब भारत

इन तथ्यों से तो यही लगता है कि राफेल सौदे पर राहुल गांधी झूठ बोल रहे हैं!

बीते कुछ दिनों में कांग्रेस पार्टी और उनके नामदार अध्यक्ष राहुल गाँधी ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर पूरे देश को गुमराह करने का अभियान चला रखा है। अपनी अज्ञानता के कारण या यूँ कहें कि अपनी परिवारवादी सोच से ग्रसित कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्र की सुरक्षा को भी दरकिनार करते हुए सर्वप्रथम अपने निजी हितों को महत्ता दी है।

मोदी सरकार का राफेल सौदा कांग्रेस से बेहतर ही नहीं, सस्ता भी है!

राफेल विमान सौदे के सहारे कांग्रेस चुनावी उड़ान की रणनीति बना रही थी। फ्रांस के साथ हुए समझौते में घोटाले के आरोप लगाकर वह एक तीर से दो निशाने साधने का प्रयास कर रही थी। पहला, उसे लगा कि नरेंद्र मोदी सरकार पर घोटाले का आरोप लगा कर वह अपनी छवि सुधार लेगी। दूसरा, उसे लगा कि वह इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बना सकेगी। लेकिन इस संबन्ध में नई

राफेल के आने से बढ़ेगी भारतीय वायुसेना की ताकत

आखिरकार लंबे इंतज़ार के बाद भारत और फ्रांस के बीच बहुप्रतीक्षित राफेल डील पर मुहर लग गयी। इस सौदे के तहत फ्रांस भारत को 36 राफेल लड़ाकू विमान देगा। भारत और फ्रांस सरकार के बीच राफेल लड़ाकू विमानों के लिए 7।87 अरब यूरो (करीब 59,000 करोड़ रूपए) के सौदे पर सहमति बनी है। ज्ञातव्य हो कि फ्रांस के रक्षामंत्री ज्यां ईव ल द्रियां और भारत के रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने 23 सितम्बर, 2016 को