सत्ता के गलियारे तक पहुंचते आम लोग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना किसी शोर-शराबे के जमीन से जुड़े आम लोगों को सत्ता के गलियारे तक पहुंचा रहे हैं। यही कारण है कि वंचित वर्गों के नाम पर राजनीति करने वाले नेताओं व दलों की जमीन खिसकने लगी है।
अयोध्या पहुँचकर राममय हुए राष्ट्रपति
रामचरितमानस की चौपाई ‘सिया राम मय सब जग जानी’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राम संपूर्ण मानवता के हैं। राम सबके हैं और राम सबमें हैं।
भारत की लोकतांत्रिक यात्रा का गौरवशाली कीर्तिस्तंभ होगा नया संसद भवन
नया संसद-भवन भारत की लोकतांत्रिक यात्रा का गौरवशाली कीर्त्तिस्तंभ है, मील का पत्थर है। यह राष्ट्र के मस्तक का रत्नजड़ित मान-मुकुट है।
‘उपसभापति हरिवंश का आचरण प्रशंसनीय ही नहीं, अनुकरणीय और वरेण्य भी है’
त्वरित प्रतिक्रिया एवं तल्ख़ टीका-टिप्पणियों वाले इस दौर में उपसभापति हरिवंश का यह आचरण न केवल प्रशंसनीय है, अपितु अनुकरणीय एवं वरेण्य भी है।
मोदी सरकार के अध्यादेश से सहकारी बैंकों के भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश
राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद देश में बैंकिंग नियम (संशोधन) अध्यादेश लागू हो गया है। इसके जरिए अब सरकारी बैंकों की तरह देश भर के सहकारी बैंक भी रिजर्व बैंक की निगरानी में आ जाएंगे।
हाउडी मोदी : वैश्विक नेता बनने की ओर अग्रसर मोदी
मोदी भारत के तो यशस्वी प्रधानमंत्री हैं ही, वे एक वैश्विक राजनेता बनकर भी तेजी से उभरे हैं। यही कारण है कि वे जहां भी जाते हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाती है। आखिर मोदी की इस लोकप्रियता का राज़ क्या है? वास्तव में मोदी ने जीवन भर जो कार्य किए हैं, परिश्रम दिखाया है और अब भी जिस तरह अपनी नयी दृष्टि व सोच के साथ देश को आगे ले जाने के लिए काम कर रहे हैं, यह उसी का परिणाम है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण का सन्देश
भारत के संविधान में संसदीय शासन व्यवस्था को स्वीकार किया गया है। इसमें राष्ट्रपति कार्यपालिका का संवैधानिक प्रमुख होता है। अनुच्छेद-52 के अनुसार कार्यपालिका की शक्तियां उसी में निहित रहती हैं। संविधान के अनुच्छेद-79 के अनुसार वह संसद का एक अंग होता है।
पराजय से सबक लेना कब शुरू करेंगे, राहुल गांधी?
गुरुवार को संसद का संयुक्त सत्र था। इसमें महत्वपूर्ण बात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण था। इसमें उन्हें संसद के दोनों लोकसभा एवं राज्यसभा के सत्रों को संबोधित करते हुए पिछली सरकार के कार्यों का उल्लेख करना था। सब कुछ तय कार्यक्रम के अनुसार चल रहा था। राष्ट्रपति अपना अभिभाषण शुरू कर चुके थे कि तभी कुछ अप्रत्याशित सा हुआ।
डॉ कलाम के जीवन से जुड़े वो किस्से जो कट्टरपंथियों की आँखें खोल देंगे !
पिछले दिनों रामेश्वरम में भारत रत्न और हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की याद में बनाए गए स्मारक में डॉ. कलाम की प्रतिमा में लगी वीणा और वहां रखी गीता को लेकर कुछ लोगों ने सवाल उठाए। अच्छी बात ये है कि समाज का बड़ा तबका ऐसी मानसिकता वाले लोगों के सवालों के साथ खड़ा नहीं हुआ। पर ऐसे में जबकि कुछ लोग डॉ. कलाम जैसी शख्सियत को भी जाति और धर्म के दायरे में कैद करने की
‘मेरी यात्रा अकेले सिर्फ मेरी नहीं रही, बल्कि हमारे देश और समाज की भी यही गाथा रही है’
रामनाथ कोविंद 20 जुलाई 2017 को भारत के 14 वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। रामनाथ कोविंद ने यूपीए के प्रत्याशी मीरा कुमार को लगभग 3 लाख 34 हजार वोटों से हराया, जो प्रतिशत में 65.65 है। गत 25 जुलाई को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की। आमतौर पर भारत में जब कोई गैर-दलित किसी बड़े पद के लिये चुना जाता है तो उसके गुणों की चर्चा की जाती है, वहीं अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति वर्ग के संदर्भ में