देश के हर ‘कोविंद’ की आँख में भाजपा ने आकाश तक पहुँचने का स्वप्न रोप दिया है !
भारत एक अद्भुत और स्वर्णिम युग में प्रवेश कर चुका है। विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल और भारत की सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने फिर से एक बार अपने होने का मतलब साबित किया है। फिर से दीनदयाल के अन्त्योदय का सपना साकार हुआ है। भारत के करोड़ों ‘रामनाथ’ के घर की कच्ची दीवाल के पक्के होने की अलख जगी है। देश के हर ‘कोविंद’ की आंखों में आकाश तलक पहुंच पाने का
रामनाथ कोविंद : आईएएस की नौकरी छोड़ने से लेकर राष्ट्रपति बनने तक के संघर्षों की कहानी
बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद आगामी 25 जुलाई को देश के 14 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को बड़े अंतर से हराया है। कोविंद की यह जीत अपेक्षित ही थी। भाजपा और एनडीए कार्यकर्ताओं समेत कोविंद के गांव में भी लोगों ने जमकर जश्न मनाया और मिठाई बांटी। जीत की घोषणा के बाद उन्हें बधाइयों का तांता लग गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
विपक्ष उम्मीदवार तो ले आया, मगर कोविंद जैसी सहजता और सरलता कहाँ से लाएगा !
एनडीए द्वारा राम नाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद यह चर्चा जोरों पर थी कि यूपीए द्वारा इस राष्ट्रपति चुनाव में किसको उम्मीदवार बनाया जायेगा। तमाम पशोपेश के उपरांत यूपीए की तरफ से लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है। गौरतलब है कि एनडीए द्वारा गहन मंथन के बाद नेतृत्व ने रामनाथ कोविंद के नाम पर सहमति जताई तथा
राष्ट्रपति चुनाव : दलित उत्थान का नारा लगाने वाले रामनाथ कोविंद के नाम से सन्नाटे में क्यों हैं ?
बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद के नाम को सामने कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी ने एकबार फिर से सबको चौंका दिया है। सबके कयास धरे रह गए। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के पहले रामनाथ कोविंद का नाम किसी तरह की चर्चा में भी नहीं था। लेकिन, जब भाजपा की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर