राष्ट्र-निर्माण, जनकल्याण और युगांतरकारी निर्णयों के पर्याय हैं मोदी सरकार के नौ साल
बीते वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के मार्ग में कई चुनौतियां आईं, लेकिन यह सरकार अपने लक्ष्य, मिशन, विजन, कर्म और विकास-यज्ञ से डिगी नहीं।
देश की युवा-शक्ति के विषय में गुरूजी गोलवलकर के विचार
गुरूजी युवाओं द्वारा पूछे गए अनेक महत्वपूर्ण और सूक्ष्म प्रश्नों का बहुत ही सरलता से जवाब देते हुए अनेको बार उनका मार्ग प्रशस्त किया करते थे ।
राष्ट्र-निर्माण के आगे निजी सुख-दुःख का नहीं होता महत्व
राजनीति संभावनाओं का खेल है। राजनीति में न तो कोई किसी का स्थाई मित्र होता है, न शत्रु। यदि इस सिद्धांत को सत्य मान भी लिया जाय तो भी यह कहना अनुचित न होगा कि हर दल के अपने कुछ सिद्धांत, अपनी-अपनी मूल प्रकृति, अपने-अपने मतदाता-वर्ग होते हैं और ये सब एक दिनों में नहीं बनता, बल्कि वर्षों में उनकी अपनी एक पहचान और छवि बनती है। अगर विशिष्ट चाल-चरित्र-चेहरे की बात बेमानी भी हो तो