रेलवे

मील का पत्थर साबित होगी मोदी सरकार द्वारा राष्ट्रीय भूमि मौद्रीकरण निगम की स्थापना

राष्ट्रीय भूमि मौद्रीकरण निगम की स्थापना का उद्देश्य यह है कि उपयोग में नहीं आ रही पूरी भूमि का लाभकारी उपयोग देश हित में किया जा सके।

रेलवे के जरिए लॉजिस्टिक्‍स लागत घटाने में जुटी मोदी सरकार

सड़कों पर बढ़ती भीड़, महंगे डीजल, लेट-लतीफी जैसे कारणों से दिग्‍गज कंपनियां रेलवे से ढुलाई को प्राथमिकता देने लगी हैं जो कि रेलवे के लिए शुभ संकेत हैं।

स्टेचू ऑफ़ यूनिटी को देश से जोड़ने वाली आठ ट्रेनों का शुभारंभ, पीएम मोदी ने दिखाई हरी झण्डी

नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ है कि एक साथ किसी खास जगह पर जाने के लिए आठ ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई है।

बुनियादी ढांचे के एकीकृत विकास से अर्थव्यवस्था को गति देने में जुटी मोदी सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुनियादी ढांचे को मजबूत करके आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने और रोजगार पैदा करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

लॉकडाउन में श्रमिकों को घर पहुंचाकर रेलवे ने साबित किया कि वाकई में वो देश की जीवनरेखा है

भारत सरकार के प्रयासों और रेलवे के सक्रियतापूर्ण और समर्पण के साथ किए गए कार्यों ने लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों की कठिनाइयों को आसान करने में बड़ी भूमिका निभाई है।

देश याद रखेगा कि संकटकाल में जब सरकार श्रमिकों के साथ खड़ी थी, विपक्ष संकीर्ण सियासत में लगा था

जब पूरा देश कोरोना संकट से उपजी चिंताओं एवं चुनौतियों में घिरा था तब कुछ राज्य सरकारें अपनी राजनीति में व्यस्त थीं, उन्हें न तो भूखे पेट सो रहे श्रमिकों की चिंता थी न ही बिना दूध के रोते बच्चों को। इन राज्यों को पैदल चल रहे श्रमिकों के पैरों के छाले नहीं दिखे लेकिन

कोरोना जैसी महामारी में भी श्रमिकों के हितों को सुरक्षित रखने में सफल रही मोदी सरकार

विपक्ष के आरोपों की सच्चाई धीरे-धीरे देश के सामने आ गयी जब विभिन्न समाचार माध्यमों के जरिये श्रमिकों ने सरकार के सुप्रबंधन की सराहना की।

मजदूरों के बहाने सरकार को घेरने वाले विपक्ष की मजदूर ही खोल रहे पोल

मजदूरों के बहाने विपक्ष ने सरकार पर खूब निशाना साधा और तरह-तरह के आरोप लगाए। रेलवे पर भी मजदूरों को ले जाने में बहुत अव्यवस्था बरतने के आरोप लगाए गए। लेकिन सच इन सबसे अलग था और वो समय के साथ सामने भी आ रहा है।

लॉकडाउन में श्रमिकों के नामपर राजनीति करने वाले विपक्ष को आईना दिखाती हैं ये कहानियाँ

न जाने ऐसे कितने ही श्रमिकों की कहानियाँ हैं जो एक संवेदनशील सरकार व उसके उत्तरदायित्वों की चर्चा करती हैं। सर्वाधिक श्रमिक उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों से थे।

रेलवे के बहाने आपदा काल में राजनीति कर रहे विपक्ष के दावों की श्रमिकों ने खोली पोल

जिस विपक्ष को आपदा की इस घड़ी में सरकार का साथ देना चाहिए था वह विपक्ष विस्‍थापितों की तकलीफों को बढ़ाने में जुटा था ताकि मोदी सरकार को बदनाम किया जा सके। इसे रेलवे के उदाहरण से समझा जा सकता है।