लॉकडाउन

कथित ‘केरल मॉडल’ पर लहालोट होने वाले केरल में बढ़ते कोरोना मामलों पर मुंह में दही जमा चुके हैं!

इसके पीछे केरल सरकार द्वारा कोरोना को हल्के में लिया जाना ही कारण है जिसने पूरे देश की चिंता बढ़ा दी है, क्‍योंकि यहां से यदि अन्‍य राज्‍यों में संक्रमण फैला तो स्थितियां कठिन हो जाएंगी।

कोरोना संकट के दौर में और निखरकर सामने आया प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व

आजाद भारत के इतिहास की इस सबसे बड़ी आपदा में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाए रखा, जिस सक्रियता से निर्णय लिए और जिस दूरदर्शितापूर्ण कार्यशैली का परिचय दिया उसने न केवल देश के हालातों को संभाला बल्कि आगे की राह दिखाते हुए निराश हो रही जनता में आशा का संचार भी किया।

मोदी 2.0 : चुनौतियों और उपलब्धियों से भरे दो साल

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो वर्षों का बड़ा हिस्सा कोरोना से जूझते हुए ही बीता है, लेकिन सरकार ने सूझबूझ और साहस के साथ महामारी से  उपजे संकट से निपटने के लिये कई सुधारात्मक कदम उठाये हैं, जिसमें राहत पैकेज भी शामिल है।

मोदी 2.0 : चुनौतियों को अवसर में तब्दील करने वाले दो वर्ष

मोदी ने सूझबूझ का परिचय देते हुए तीन महीने का सख्‍त लॉकडाउन लगाया एवं बाद में अनलॉक जैसे उपायों को ढील के साथ श्रृंखलाबद्ध रूप से लागू किया।

आईएमएफ रिपोर्ट : 2021 में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था

कोविड-19 महामारी के बीच बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत एकमात्र ऐसा देश है, जिसकी आर्थिक विकास दर इस साल दहाई अंक में रहेगी।

वैश्विक नेता के रूप में स्थापित होते प्रधानमंत्री मोदी

‘मॉर्निंग कन्सल्ट’ नामक सर्वे एजेंसी द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के कार्यों को 75 प्रतिशत लोगों ने सही ठहराया है।

कोरोना संकट : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान को समझने की जरूरत

जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती हमें अपने-अपने स्तर पर, अपने-अपने दायरे में सुरक्षा-कवच बनकर कोरोना महामारी की रोकथाम करनी होगी।

कोरोना से जंग में मजबूती से जीत की ओर बढ़ रहा भारत, सावधानी की है जरूरत

अभी देश कोरोना महामारी से लड़ाई में निर्णायक मोड़ पर पहुँच चुका है, अतः अब विशेष रूप से सावधानी की जरूरत है ताकि शीघ्र ही हमें इसपर जीत हासिल हो।  

कोरोना से लड़ाई में सधे हुए कदमों के साथ जीत की ओर बढ़ता भारत

अब तक देश में लगभग 3.7 करोड़ सेंपल की जांच हो चुकी है। इसके साथ ही संक्रमण की दर गिरकर मात्र 8.60 प्रतिशत रह गई है।

कोरोना संकट से उबरकर तेजी से पटरी पर लौटती भारतीय अर्थव्यवस्था

कई अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्थान भारत के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2021-22 में 9 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि की सम्भावनाएँ व्यक्त कर रहे हैं।