विकास

पूर्वांचल में विकास की नयी इबारत लिख रहा बनारस

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वाराणसी को केंद्र बनाकर समूचे पूर्वी उत्‍तर प्रदेश और समीपवर्ती बिहार में चिकित्‍सा ढांचा, रेल, सड़क, पाइपलाइन, जलमार्ग का व्‍यवस्‍थित नेटवर्क बिछाया जा रहा है। पूर्वी उत्‍तर प्रदेश और बिहार में चिकित्‍सा सुविधाएं बेहद पिछड़ी हुई हैं। यही कारण है कि यहां के लोगों को इलाज के लिए लखनऊ से लेकर दिल्‍ली तक का चक्‍कर लगाना पड़ता है।

आकांक्षी जिला कार्यक्रम : मोदी राज में अति पिछड़े जिलों में भी पहुँच रही विकास की रोशनी

देश के सर्वागीण विकास और 2022 तक न्‍यू इंडिया के ख्‍वाब को हकीकत में बदलने के लिए मोदी सरकार ने देश के 115 सबसे पिछड़े जिलों में 5 जनवरी 2018 को आकांक्षी जिला कार्यक्रय (एस्‍पीरेशनल डिस्‍ट्रिक्‍ट प्रोग्राम या एडीपी) शुरू किया।

8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना भारत!

बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की श्रेणी में ले जाने के लिये जब सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वार्षिक वृद्धि दर को दहाई अंकों में ले जाने की बात कही, तो लोगों को यह बात कोरी कल्पना लगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार देश में कारोबार करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिये विगत 4 सालों में अनेक कदम उठाये

प्रगति-पथ पर मोदी-योगी की दमदार जुगलबंदी

उत्तर प्रदेश का व्यापारिक सुगमता में दो पायदान आगे बढ़ना, नोएडा में सैमसंग की सबसे बड़ी फैक्ट्री शुरू होना, लखनऊ में उद्यमिता समिट, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन – ये सब कुछ ही दिनों की दास्तान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास के जिस मॉडल के पक्षधर रहे हैं, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ उस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

जयपुर में मोदी : कांग्रेस ने योजनाओं को लटकाने का काम किया, भाजपा कर रही पूरा

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का वह वक्‍तव्‍य बहुत चर्चित है, जिसमें उन्‍होंने कहा था, या यूं कहें कि दबी जु़बान में स्‍वीकारा था कि भ्रष्‍टाचार का दीमक शीर्ष स्‍तर से लेकर निचले स्‍तर तक फैला हुआ है। वे कहते थे कि विकास के लिए केंद्र से यदि एक रुपया आता है, तो निचले स्‍तर तक पहुंचते-पहुंचते वह दस पैसा रह जाता है।

विकास बनाम जातिवाद की लड़ाई का अखाड़ा बना गुजरात चुनाव

गुजरात में विधानसभा चुनाव इस बार साफ़ तौर पर विकास बनाम जातिवाद के मुद्दे पर केन्द्रित हो गया है। वैसे, आदर्श राजनीतिक व्यवस्था यही होगी कि चुनाव जातिवाद, धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठकर लड़ें जाएँ। जातिवाद को चुनावी मुद्दा बनाने के लिए हम अक्सर उत्तर प्रदेश और बिहार के नेताओं को बदनाम करते हैं, लेकिन गुजरात में कांग्रेस लगता है ये तय करके बैठी थी कि अबकी जातिवाद और आरक्षण के नाम पर ही

विकास की राजनीति के तीन साल

भाजपा नीत मोदी सरकार के तीन सालों के शासन के बाद आज देश में जो राजनीतिक माहौल नज़र आ रहा उसका स्पष्ट संकेत यही है कि अगर फिर से आम चुनाव कराया जाये तो आसानी से भाजपा दोबारा सत्ता में आ जायेगी। ऐसे में इस सवाल का उठना लाजिमी है कि आखिर कौन से कारण हैं, जिनकी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पूरे देश में कायम है।

मोदी सरकार देश में बिछाने जा रही पाइपलाइन का जाल, विकास को मिलेगी और रफ़्तार

मोदी सरकार की दूरगामी योजना देश को गैस आधारित अर्थव्‍यवस्‍था में बदलने की है। फिलहाल देश के ऊर्जा सम्‍मिश्र में प्राकृतिक गैस की भागीदारी 7 फीसदी है, जो कि विश्‍व औसत से काफी कम है। सरकार अगले तीन वर्षों में इस अनुपात को 15 फीसदी तक बढ़ाना चाहती है। इस लक्ष्‍य को घरेलू उत्‍पादन में बढ़ोत्‍तरी और सस्‍ती तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आयात के बल पर पूरा किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता में सरकार के प्रति विश्वास जगाया है!

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान देश राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक हर प्रकार से एक अन्धकार में था। संप्रग-नीत सत्ता भ्रष्टाचार के दलदल में आकंठ डूबी थी, जिसके कारण देश का आर्थिक ढांचा चरमरा रहा था और यह सब देखकर समाज में घनघोर निराशा व्याप्त थी। ऐसे समय में देश के सामने गुजरात के विकास मॉडल की उजली तस्वीर लेकर नरेंद्र मोदी आए।