अर्थव्यवस्था को गति देने की पहल
तेईस अगस्त की शाम को प्रेस कान्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये अनेक उपायों जैसे, बैंकों में नकदी बढ़ाने, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम कंपनियों के लिये वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की रिफंड प्रक्रिया को आसान बनाने, मंदी का सामना कर रहे वाहन क्षेत्र को राहत देने, स्टार्टअप कंपनियों को ऐंजल टैक्स से छूट देने आदि की घोषणा की।
भारतीय राजनीति में सबके लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे अरुण जेटली
देश की राजनीति में अगस्त, 2019 का महीना भारतीय जनता पार्टी के लिए किसी गहरे आघात-सा साबित हो रहा है। सुषमा स्वराज को गए अभी एक पखवारा ही बीता था कि लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे अरुण जेटली का भी असमय ही निधन हो गया। अरुण जेटली का निधन देश की राजनीति में एक रिक्तता पैदा करने वाला है। जेटली एक विराट व्यक्तित्व के धनी राजनेता थे।
समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाला बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। वे पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं, जिन्होंने बजट पेश किया है। इसके पहले वर्ष 1970 में श्रीमती इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश किया था। लेकिन तब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री भी थीं, ऐसे में पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ही मानी जाएंगी।
इस बजट ने आम आदमी का दिल तो जीता ही है, विपक्ष की राजनीति भी ध्वस्त कर दी है!
विपक्ष भले ही वर्तमान सरकार के इस आखिरी बजट को चुनावी बजट कहे और कार्यवाहक वित्तमंत्री पीयूष गोयल के बजट भाषण को चुनावी भाषण की संज्ञा दे, लेकिन सच तो यह है कि इस आम बजट ने अपने नाम के अनुरूप देश के आम आदमी के दिल को जीत लिया है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘यह सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी, सर्वोत्कर्ष को समर्पित एक ऐसा बजट है’ निस्संदेह ये बजट भारत के भविष्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के सपने जगाता है।
देश के अन्नदाता की समस्याओं को दूर करने वाला सर्वसमावेशी बजट
अंतरिम बजट में किसानों को अधिकतम लाभ देने की कोशिश की गई है। मनरेगा के लिये 2019-20 में 60,000 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिये वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में 19,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिससे गाँवों को निकट के शहरों से जोड़ने में मदद मिलेगी।