विदेशी मुद्रा भंडार

मोदी सरकार के प्रयासों से कोरोना संकट के बावजूद पटरी पर लौट रहीं आर्थिक गतिविधियाँ

हर्ष का विषय है कि माह सितम्बर 2020 में देश में आर्थिक गतिविधियों ने वापस रफ़्तार पकड़ ली है। केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक क्षेत्र के सम्बंध में सही समय पर लिए गए कई निर्णयों के चलते ही यह सम्भव हो सका है।

भारत में तेजी से बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार के क्या हैं कारण ?

ये निवेश तब हुआ है जब पूरी दुनिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का स्तर लगातार कम हो रहा है। आज विदेशी निवेशकों का भारत पर भरोसा बढ़ा है।

कोरोना संकट में भी पूरा विश्व जता रहा है भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा

भारतीय इतिहास में पहली बार देश में विदेशी मुद्रा भंडार ने 500 बिलियन (50,000 करोड़) अमेरिकी डॉलर के आँकड़े को पार करते हुए 501.70 बिलियन (50,170 करोड़) अमेरिकी डॉलर के स्तर को छुआ है।

ये तथ्य बताते हैं कि कोरोना संकट के बीच धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है भारतीय अर्थव्यवस्था

कोरोना संकट के बीच देश में मोदी सरकार द्वारा सही समय पर अनुकूल निर्णय लिए जाने के कारण देश में व्यापारिक गतिविधियाँ शीघ्रता से सामान्य स्थिति प्राप्त करती जा रही हैं