एक ऐसा स्मारक जिसने स्वामी विवेकानंद के विचारों को जीवंत रखा!
विवेकानंद शिला स्मारक ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का एक जीता जागता उदाहरण है, जिसके निर्माण के दौरान अर्थिक दिक्कत पड़ने पर पूरे राष्ट्र ने आर्थिक योगदान दिया।
विवेकानंद शिला स्मारक : ऐसा स्मारक जिसके निर्माण ने विभिन्न विचारधाराओं को एक कर दिया
देश-विदेश में हजारों स्मारकों का निर्माण हुआ है लेकिन शायद ही कोई ऐसा स्मारक हो जो जीवित हो। 1970 में राष्ट्र को समर्पित किया गया “विवेकानंद शिला स्मारक” एक ऐसा स्मारक है जो आज भी विवेकानंद जी के विचारों को जीवंत बनाए हुए है। 25, 26, 27 दिसंबर 1892 को स्वामी विवेकानंद ने भारत के अंतिम छोर कन्याकुमारी में स्थित शिला पर साधना करने के बाद भारत के
एकनाथ रानडे : जो प्रत्येक व्यक्ति में भारतीयता के भाव को जागृत करना चाहते थे
एकनाथ जी रानडे कहते हैं कि – ”यदि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मेरे जीवन में न आता, तो मेरा जीवन दिशाहीन ऊर्जा का प्रवाह मात्र बनकर रह जाता।“