कांग्रेस : एक राष्ट्रीय पार्टी से एक ‘वोटकटवा’ पार्टी तक का सफर
कांग्रेस की इस हालत कि उसे क्षेत्रीय दलों के बीच वोटकटवा पार्टी की भूमिका निभानी पड़ रही है, के लिए उसके भीतर मौजूद परिवारवादी राजनीति और नेताओं का अहंकारी चरित्र ही जिम्मेदार है। कांग्रेस यह माने बैठी रही और शायद आज भी है कि ये देश उसकी जागीर है और यहाँ सत्ता उसीके हाथ रहनी है। इस अहंकार में जनता और जनता के हित से दूर हो चुकी इस पार्टी की ये दुर्गति तो होनी ही थी। लोकतंत्र में जनता सबसे अधिक सम्माननीय होती है, वो अर्श पर