रिजर्व बैंक के समायोजन मौद्रिक रुख से अर्थव्यवस्था होगी मजबूत
बैंक क्रेडिट में वृद्धि होने लगी है और जमा में कमी आई है, जो यह दर्शाता है कि निजी खर्च और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ रही है। आने वाले दिनों में भी भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रहेगी।
विकास को गति देने वाली मौद्रिक समीक्षा
यह 10वीं मौद्रिक समीक्षा है, जब रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर और रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है।
अर्थव्यवस्था को गति देने वाली मौद्रिक समीक्षा
रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाले निर्णय मौद्रिक समीक्षा में लिए हैं, जिसका फायदा निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था और आम आदमी को मिलेगा।
मौद्रिक समीक्षा में विकास पर रहा जोर
एक फरवरी को पेश किए गए बजट में भी विकास की गति को तेज करने पर बल दिया गया था और 5 फरवरी को पेश की गई मौद्रिक समीक्षा में भी रिजर्व बैंक ने महँगाई को नियंत्रण में रखते हुए अर्थव्यवस्था को गुलाबी बनाने के लिये अनेक उपाय किये हैं।
एनबीएफसी को मजबूत करने की कवायद
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अनुमान जताया है कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की नकदी की समस्या जल्दी ही खत्म हो जायेगी, क्योंकि केंद्रीय बैंक, बैंकिंग प्रणाली में भारी मात्रा में पूंजी डाल रहा है। दास के अनुसार मामले में बैंकों के सकारात्मक रुख अपनाने से भी एनबीएफसी पर मंडरा रहा नकदी संकट का खतरा कम होने लगा है। दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक शीर्ष 50 एनबीएफसी पर बारीक नजर रख रहा है, ताकि जरूरत पड़ने उन्हें मदद उपलब्ध कराई जा सके।