दो मामले जिन्होंने वामपंथी और सेक्युलर गिरोह के पाखण्ड की कलई खोल दी है!
देशभर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों का अराजक स्वरूप जिस तरह सामने आया है, वह हैरान करने वाला है। ऐसा कानून जिससे देश के नागरिकों का कोई संबंध ना हो, उसपर इस तरह का वातवरण खड़ा करना, मानो एक खास समूह का सब कुछ लूट गया हो, हैरतअंगेज लगता है। समूचे देश ने देखा कि विरोध प्रदर्शन के नाम पर कैसे सुनियोजित हिंसा फैलाई गई, आगजनी की गई, बसों को आग के हवाले कर दिया गया, देश को तोड़ने की बात कही गई। यहाँ
शरजील इमाम तो पकड़ा गया, अब क्या कहेंगे मनीष सिसोदिया?
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी रैली में भड़काऊ बयान देने के मामले में देशद्रोह के आरोपित शरजील इमाम को आखिरकार मंगलवार को बिहार के जहानाबाद जिले में उसके पैतृक गांव काको से गिरफ्तार कर लिया गया। बिहार पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की। हालांकि उसके सरेंडर किए जाने की बातें भी सामने आईं लेकिन