बेंगलुरु हिंसा पर सेक्युलर ब्रिगेड और बुद्धिजीवियों की चुप्पी से उपजते सवाल
अराजकता के व्याकरण में विश्वास रखने वाला समूह चेहरा और वेष बदल-बदलकर देश को हिंसा से लहूलुहान कर रहा है और कथित धर्मनिरपेक्ष धड़ा चुप है।
‘भारतीय कम्युनिस्टों का चरित्र ऐसा है कि वे किसी के सगे नहीं हो सकते सिवाय अपने स्वार्थों के’
वो वामपंथी उदारवादी जो असहमत होने के अधिकार को संविधान द्वारा दिया गया सबसे बड़ा अधिकार मानते हैं, वही दूसरों की असहमति को स्वीकार नहीं कर पाते।
पिंजरा तोड़ अभियान से उपजते सवाल
छोटे-छोटे शहरों से बड़े सपने लेकर देश की राष्ट्रीय राजधानी आने वाले लड़के-लड़कियों को वामपंथी ताक़तें किस क़दर बहलाती-फुसलाती हैं, उसकी कहानी आप इस संगठन के बनने के पीछे की कहानी को जानकर समझ सकते हैं।
शरजील इमाम तो पकड़ा गया, अब क्या कहेंगे मनीष सिसोदिया?
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी रैली में भड़काऊ बयान देने के मामले में देशद्रोह के आरोपित शरजील इमाम को आखिरकार मंगलवार को बिहार के जहानाबाद जिले में उसके पैतृक गांव काको से गिरफ्तार कर लिया गया। बिहार पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की। हालांकि उसके सरेंडर किए जाने की बातें भी सामने आईं लेकिन