स्वामी विवेकानंद का विश्व बंधुत्व का संदेश
जब स्वामी विवेकानंद स्वागत का उत्तर देने के लिए खड़े होते हैं और “अमेरिकावासी बहनों तथा भाइयों” से अपना वक्तव्य शुरू करते हैं और सामने बैठे विश्वभर से आये हुए लगभग 7 हज़ार लोग दो मिनट से ज्यादा समय तक तालियाँ बजाते रहते हैं।
स्वामी विवेकानंद के विश्व बंधुत्व के संदेश की वर्तमान प्रासंगिकता
स्वामी जी का विश्व बंधुत्व का सन्देश इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वह मनुष्यों में किसी भी आधार पर भेद नहीं करता। वह समस्त मानवता को एक सूत्र में पिरोता है।
स्वामी विवेकानंद : भारत का भारत से साक्षात्कार कराने वाले युगद्रष्टा संत
आदि शंकराचार्य ने संपूर्ण भारतवर्ष को सांस्कृतिक एकता के मज़बूत सूत्र में पिरोया, वहीं स्वामी विवेकानंद ने आधुनिक भारत को उसके स्वत्व एवं गौरव का बोध कराया।
जयंती विशेष : ‘यदि भारत को जानना चाहते हैं, तो स्वामी विवेकानंद को पढ़िए’
स्वामी जी ने अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोपीयन देशों में कई निजी एवं सार्वजनिक व्याख्यानों का आयोजन कर महान हिन्दू संस्कृति के सिद्धांतों का प्रचार प्रसार किया एवं उसे सार्वभौमिक पहचान दिलवाई।