शून्य बजट प्राकृतिक कृषि से आत्मनिर्भर होंगे किसान
इस तकनीक से खेती-किसानी करने की लागत लगभग शून्य होती है। वित्त वर्ष 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में इसे छोटे किसानों के लिए आजीविका का एक आकर्षक विकल्प बताया गया है। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह कृषि पद्धति नवोन्मेषी है, जिसके जरिये वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है।