तीन तलाक के समर्थक बताएं कि उनके लिए संविधान पहले है या मज़हबी कायदे ?
सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ ने मुस्लिमों में प्रचलित तीन तलाक, निकाह हलाला जैसी कुप्रथाओं पर सुनवाई शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता में बनी इस पीठ में पांच जज शामिल हैं, जो तीन तलाक पीड़ित मुस्लिम महिलाओं की ओर से दायर सात याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे। इन पीड़ित महिलाओं ने हलाला व बहुविवाह जैसी इस्लामिक रूढ़ियों को भी कोर्ट में चुनौती दी है।