राहुल की सजा पर कांग्रेस के कथित सत्याग्रह में लेशमात्र भी ‘सत्य’ नहीं दिखता!
पिछले कुछ महीनों की अवधि में कांग्रेस ने दो बार कथित सत्याग्रह किए हैं। लेकिन उसके साध्य और साधन दोनों में सत्य के तत्व नहीं हैं।
लोकतंत्र के लिए घातक है आंदोलन की आड़ में अराजकता
संसदीय प्रक्रियाओं को खुलेआम चुनौती देने, संस्थाओं को ध्वस्त एवं अपहृत करने तथा क़ानून-व्यवस्था को बंधक बनाने की निरंतर बढ़ती प्रवृत्ति देश एवं लोकतंत्र के लिए घातक है।