‘आपातकाल के विरोध में उठा हर स्वर वंदन का अधिकारी है’
आपातकाल के दौरान मैं बक्सर व आरा की जेल में बंद रहा था। वो संघर्ष और यातना का दौर था। उस समय मेरे जैसे लाखों युवा देश की विभिन्न जेलों में बंद थे।
जेपी ने कहा था कि अगर संघ फासीवादी है तो जेपी भी फासीवादी हैं!
लोकनायक जय प्रकाश नारायण के बारे में आम तौर पर कहा जाता है कि वे शुरूआती दौर में रूस की क्रान्ति से प्रभावित थे। फिर गांधीवाद से प्रभावित होते हुए समाजवाद का रुख किये। जेपी के तीन हिस्से तो पहले ही कहे जा चुके है, जिसमे जेपी का रूसी क्रान्ति से प्रभावित होना एवं फिर गाँधी के सानिध्य में आकर सत्य और अहिंसा की प्रवृति में घुल मिल जाना फिर समाजवाद का रुख करना, इत्यादि कई तथ्य हैं !