फिर मार खाकर ही नापाक हरकतों से बाज आएगा पाकिस्तान !
नापाक पड़ोसी पाकिस्तान सीजफायर का निरंतर उल्लंघन कर रहा है। चीन और पाकिस्तान की कोशिश होगी कि भारत को उलझा कर रखा जाए। ये स्थिति गंभीर है। भारत को अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा। पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाने का वक्त है। भारत के आगे 1948, 1965, 1971 और कारगिल में घुटने टेक चुके पाकिस्तान को शायद फिर एकबार मार खाने की इच्छा जागृत हो रही है। उसे पिटने की भूख
‘एक के बदले दस सिर’ लाने वाली बात पर मोदी एकदम खरे साबित हुए हैं !
गत वर्ष उड़ी हमले के बाद भारतीय जवानों ने जब सर्जिकल स्ट्राइक करके उसका बदला लिया था, तो देश में एक गजब के उत्साह और ऊर्जा का संचार हो उठा था। इसका कारण यह था कि तबसे पहले इस तरह की सैन्य कार्रवाई देश ने लम्बे समय से नहीं देखी थी। संप्रग सरकार के दस साल के कार्यकाल में देशवासियों ने सिर्फ पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम के उल्लंघन से लेकर पाक-प्रेरित आतंकियों द्वारा हमलों के पश्चात् सत्तापक्ष
इन तथ्यों से साबित होता है कि आज देश में फौलादी इरादों वाली निर्णायक सरकार है !
केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद एक बात साफ़ हुई है कि विपक्ष की सोच के विपरीत भाजपा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर एक सख्त और सर्वमान्य नीतियों को लेकर जनता ने भी सरकार का समर्थन किया है। मुद्दा चाहे राजनीतिक हो, सुरक्षा का हो या आर्थिक, नरेन्द्र मोदी सरकार ने स्टैंड लिया है। इसका नतीजा न सिर्फ चुनावी सफलता के तौर पर परिलक्षित हुआ है, बल्कि आम
कश्मीर में सेना की नयी ‘रणनीति’ ने आतंकियों की कमर तोड़ दी है !
पिछले साल हुए सर्जिकल स्ट्राइक जैसे अहम सैन्य ऑपरेशन के बाद भारतीय सेना बहुत मुस्तैद और मारक हो गई है। यही कारण है कि सीमा पर बढ़ रहे लगातार तनाव के बावजूद सेना ने स्थिति को बखूबी संभाला हुआ है। आए दिन सीमा पार से घुसपैठ करने वाले आतंकियों की धरपकड़ की जा रही है, तो कहीं नियमित रूप से मिलिट्री इनकाउंटर में आतंकी मारे जा रहे हैं। कहना होगा कि भारतीय सेना इन दिनों
सेना के साथ-साथ सरकार को भी जाता है सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय
सीज फायर का उल्लंघन तो मानो पाकिस्तान का दैनंदिनी कार्य हो गया है। जब संयुक्त राष्ट्र में झूठे आंसू बहाकर और सरहद पर भारतीय सेना के जवानों को हमेशा की तरह पीठ पीछे आकर कायराना तरीके से मारकर भी पाक की नापाकियत कम नहीं पड़ती तो वह जब तक संघर्ष विराम का उल्लंघन करके अपनी मौजूदगी जताने की कोशिश करता है। जब यह सब होता रहा तब समय-समय पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,
इस सर्जिकल स्ट्राइक ने पाकिस्तान के साथ-साथ सबूत मांगने वालों की भी बोलती बंद कर दी है !
पिछले कुछ दिनों से देश की सीमा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा फायरिंग और हमले की घटनाएं बढ़ती नज़र आ रही थीं। पाक की इन नापाक हरकतों से देश में फिर उड़ी हमले के बाद जैसा ही आक्रोश जमा होने लगा था। पिछले साल मोदी सरकार ने उड़ी हमले के जवाब में पकिस्तान पर जो सर्जिकल स्ट्राइक करवाई थी, उसकी वजह से लोगों की उम्मीद सरकार से काफी ज्यादा थी।
उचित है कश्मीरी पत्थरबाजों के प्रति सेना और सरकार का कठोर रुख
कश्मीर में आतंकियों पर कारवाई या मुठभेड़ के दौरान कश्मीर के स्थानीय लोगों द्वारा सेना पर पत्थरबाजी का सिलसिला जो कुछ समय से बंद था, अब फिर शुरू होता दिख रहा है। अभी हाल ही में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान सेना के जवानों पर पत्थरबाजों ने पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। परिणाम यह हुआ कि एक आतंकी तो मारा गया, मगर पत्थरबाजी में सेना के काफी जवान घायल हो गए। इस घटना के बाद
यूपी की जीत दिखाती है कि अब भी कायम है मोदी मैजिक !
कहते हैं कि राह जितनी मुश्किल होगी, जीत उतनी ही बड़ी होगी। कुछ ऐसा ही भारतीय जनता पार्टी के साथ हो रहा है। एक समय केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के लिए कड़ी मेहनत करने वाली अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी की जोड़ी एक के बाद एक जीत का परचम लहराती ही जा रही है। केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के बाद इस जोड़ी ने विधानसभा चुनावों में भी जीत दर्ज कर ली है। यूपी जैसे राज्य में जीत दर्ज
आतंकवाद के खिलाफ कांग्रेस का लचर और शर्मनाक रुख
उत्तर प्रदेश में चुनावी हंगामा थमा नहीं कि आतंकी सैफुल्ला के एनकाउंटर से एक नया और चिंतनीय प्रकरण पैदा हो गया है। दरअसल बीते मंगलवार को मध्य प्रदेश के जबड़ी स्टेशन के पास पैसेंजर ट्रेन में एक कम तीव्रता का बम धमाका हुआ, जिसमें लगभग दस लोग घायल हुए। इस बम धमाके की जांच में लगी मध्य प्रदेश पुलिस ने तीन आतंकियों को पिपरिया से गिरफ्तार किया, तो इस धमाके में दस लोगों का नेटवर्क
काला धन और नकली नोटों पर लगाम लगाने की दिशा में मोदी सरकार का बड़ा कदम
मोदी सरकार द्वारा पांच सौ और हजार के नोट बंद करना काले धन और जाली नोटों पर लगाम लगाने की दिशा में सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कदम है। देश में बढ़ते हुए काले धन पर लगाम लगाने की दिशा में मोदी सरकार का यह कदम सराहनीय कहा जा सकता है। काले धन को रोकने के अपने चुनावी वायदे की धुन पर काम कर रही केन्द्र सरकार ने जिस तरीके से हजार और पांच सौ के नोट को तत्काल प्रभाव से बन्द