कांग्रेस के ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के फर्जी दावों की खुली पोल
उड़ी आतंकी हमले के बाद से देश बड़ी आशा की निगाह से सरकार पर ध्यान लगाए बैठा था कि सरकार जवानों की शाहदत बेकार नहीं जाने देगी।उसके बाद से सरकार की तरफ से जो बयान आये उससे लगने लगा था कि सरकार की रणनीति अब पाक को धुल चटाने की है साथ में डीजीएमओ ने
‘सर्जिकल स्ट्राइक’ पर सियासत से बाज आएं विपक्षी दल
देश में हो रहें पाक प्रायोजित आतंकी हमलों के विरुद्ध माहौल बनता हैं, और उसके कृत्यों का जवाब उसी की भाषा में सेना के पैरा कमांडो द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में दिया जाता हैं। शुरुआती दौर में तो देश की सभी विपक्षी पार्टियां इस मुद्वे पर सहमत रहती हैं, उसके कुछ दिन बाद जिस तरह सेना के बाहुबल पर शक करते हुए सरकार और सेना से सबूत मांग रही हैं, यह साबित करता हैं कि देश में अपनी
राहुल के बोल से सवालों के घेरे में कांग्रेस
कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश की सेना से जुड़ा एक निंदनीय बयान दिया है। ऐसे समय में जब देश के लोग ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम लोकतांत्रिक एवं स्थिर देश भारत के समर्थन में हैं, राहुल गांधी ने ऐसी बहस को जन्म देने का काम किया है जिससे न सिर्फ सरकार बल्कि सेना का भी अपमान होता है। पता नहीं किन सन्दर्भों और प्रमाणों के आधार पर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी
अगर सेना के साथ सरकार को भी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का श्रेय मिल रहा तो इसमें गलत क्या है ?
गत महीने श्रीनगर के उड़ी में पाक-प्रेरित आतंकी हमला हुआ और हमारे १८ जवान शहीद हो गए। इसके बाद देश में आक्रोश का माहौल पनपा। प्रधानमंत्री मोदी ने भरोसा दिया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। बदला लिया जाएगा। फिर उच्चस्तरीय बैठकों का दौर चलता रहा। दस दिन गुजर गए। कुछ नहीं हुआ। सरकार पर सवाल उठाए जाने लगे। मोदी विरोधियों द्वारा छप्पन इंच की छाती के बयान का मज़ाक
सेना पर भरोसा नहीं है क्या कि सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो मांग रहे हैं केजरीवाल ?
देश का दुर्भाग्य है कि यहाँ के नेता और बुद्धिजीवी राष्ट्रीय मुद्दों पर भी बेतुकी बयानबाजी करने से बाज नहीं आते हैं। वक्त की नजाकत कहती है कि इस वक्त भारत और पाकिस्तान के संबंध में बहुत संभलकर बोलने की जरूरत है। इस वक्त कोई भी विचार प्रकट करते वक्त यह ध्यान रखना ही चाहिए कि उसका क्या असर होगा ? कहीं हमारा विचार दुश्मन देश को मदद न पहुँचा दे। अपने किसी भी बयान से भारत सरकार,
भारत की सर्जिकत स्ट्राइक से सहमा पाकिस्तान
उड़ी हमला पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी साबित होगा यह किसी ने भी नहीं सोचा था। भारत को चोट पर चोट देने की पाकिस्तान की एक आदत सी बन गयी थी, जिसमें उसे पूरी तरह विश्वास था कि भारत की तरफ से कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं होगी। पाकिस्तान पहले से ही कड़ी निंदा और सबूत वाले डोजियर को रद्दी की टोकरी में फेंकने का आदी रहा और भारत उसे बार-बार डोजियर सौंपने का। पाकिस्तान एक
यह सिर्फ सर्जिकल स्ट्राइक नहीं, मोदी का ‘मास्टर स्ट्रोक’ है!
पिछले एक सप्ताह से तकरीबन हरेक जगह भारत के पाकिस्तान पर किए सर्जिकल स्ट्राइक की ही चर्चा है। और, यह न समझिए कि अपने एसी चेंबर में बैठकर केवल एंटरटेनमेंट चैनल के स्वयंभू विद्वान ही इस पर मशविरा कर रहे हैं। गुवाहाटी से गुड़गांव और दार्जिलिंग से दरभंगा तक, इसके चर्चे गरम हैं। बाल काटनेवाले नाई से लेकर कपड़े प्रेस करनेवाले भाई तक, हरेक आदमी की इस मुद्दे पर राय है और फैसला है।
आतंकवाद के पनाहगार पाकिस्तान ने देखा छप्पन इंच की छाती का दम!
आतंकवाद को पनाह देने वाले देश पाकिस्तान और पाकिस्तान के आतंकवादियों को करारा जवाब देने के लिए मोदी सरकार ने आख़िरकार वह कदम भी उठा ही लिया, जिसकी नरम देश समझे जाने वाले भारत से शायद किसी को उम्मीद नहीं रही होगी। भारत ने पीओके में दो किलोमीटर अंदर तक घुसकर आतंकवादियों के सात लॉन्च