क्या आम आदमी पार्टी ने वाकई में कांग्रेस के सामने घुटने टेक दिए हैं?
सबको याद होगा कि आम आदमी पार्टी क्यों और कैसे बनाई गई थी। यूपीए-2 के दौरान भ्रष्टाचार का प्रचंड बोलबाला था। मनमोहन सिंह सरकार को एक धक्का भर देने की ज़रुरत थी। दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार के घपलों के कारनामे थमने का नाम नहीं ले रहे थे। ऐसे में दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल नाम के एक शख्स ने मौके को पहचानकर व्यवस्था परिवर्तन और भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली
‘आप’ नेता सुखपाल खैहरा के देश तोड़क बयान पर केजरीवाल की ख़ामोशी का मतलब क्या है ?
कुछ लोग हैं जो आग से खेलने की कोशिश कर रहे, लेकिन उन्हें अंजाम का ज़रा भी इल्म नहीं है। ऐसे ही लोग खालिस्तान और रेफेरेंडम-2020 के नाम पर सियासी रोटियाँ सेंकने में लगे हैं। पंजाब में शांति ऐसे नहीं आई, हजारों बेगुनाह लोगों, सेना के जवानों और पंजाब पुलिस बलों की कुर्बानी के बाद पंजाब में अमन-चैन का राज कायम हुआ। लेकिन, सब जानते-बूझते हुए भी पिछले