भारतीय राजनीति में सबके लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे अरुण जेटली
देश की राजनीति में अगस्त, 2019 का महीना भारतीय जनता पार्टी के लिए किसी गहरे आघात-सा साबित हो रहा है। सुषमा स्वराज को गए अभी एक पखवारा ही बीता था कि लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे अरुण जेटली का भी असमय ही निधन हो गया। अरुण जेटली का निधन देश की राजनीति में एक रिक्तता पैदा करने वाला है। जेटली एक विराट व्यक्तित्व के धनी राजनेता थे।
‘सुषमा स्वराज का निधन भारतीय राजनीति की वो क्षति है, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती’
सुषमा स्वराज अब हमारे बीच नहीं हैं। उनके जाने से राजनीति ही नहीं, बल्कि देश व दुनिया के समाज को भी क्षति पहुंची है। उनके जैसी महिलाएं राजनीति के क्षेत्र से आती हैं, तो समूचा समाज उनसे प्रभावित होता है, उनका लोहा मानता है। भाजपा की कद्दावर नेता और पूर्व विदेश मंत्री होने के अलावा भी वे बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी थीं।
नया भारत: जिसकी ताकत को विश्व महसूस ही नहीं कर रहा, स्वीकार भी रहा है
वो भारत जो 1971 में जेनेवा समझौते के बावजूद 90000 पाक युद्ध बंदियों और जीते हुए पाक के हिस्से के बदले अपने 54 सैनिक वापस नहीं ले पाया, आज पाक को 36 घंटे के भीतर अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते भारी घरेलू विरोध के बावजूद भारतीय पायलट बिना शर्त सकुशल लौटाने के लिए बाध्य कर देता है।
ओआईसी सम्मेलन: भारतीय विदेश नीति में जुड़ा नया अध्याय
ओआईसी द्वारा भारत को अपने सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में बुलाना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए मेजबान और अन्य सदस्य देशों ने पाकिस्तान की गुहार को भी नजरअंदाज कर दिया। वह भारत को रोकने के लिए चिल्लाता रहा, लेकिन उसकी एक न सुनी गई। जबकि पाकिस्तान इसके संस्थापक सदस्यों में शामिल रहा है।
39 भारतीयों की मौतों पर कांग्रेस की शर्मनाक राजनीति को लोगों ने दिखाया आइना !
इराक़ के मोसुल में जून, 2014 से लापता 39 भारतीयों के जिंदा न होने की जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा दिए जाने के बाद कांग्रेस ने जिस ओछी राजनीति का परिचय सदन के अंदर और सदन के बाहर दिया, वो शर्मनाक और निंदनीय है। इसके बाद कांग्रेस की जम कर फ़जीहत भी हुई है।
हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनवाने की कोशिशों में जुटी मोदी सरकार !
लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया, “भारत सरकार हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनवाने को लेकर गंभीरता से प्रयासरत है। वो इस पहल में अपने साथ मारीशस और फीजी को भी जोड़ रही है।” संयुक्त राष्ट्र में चीनी, अंग्रेजी, अरबी, फ्रेंच, रूसी और स्पेनिश को ही आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है। 1945 में संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाएँ केवल चार
संयुक्त राष्ट्र महासभा में सशक्त भारत का संबोधन !
संयुक्त राष्ट्र महासभा के ७२वें सत्र में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का संबोधन कई मायनों में महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक रूप से उल्लेखनीय रहा। सुषमा के संबोधन से पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने अपने संबोधन में भारत पर आतंक प्रायोजित करने और कश्मीर में अत्याचार फैलाने का आरोप लगाया था। उनके भाषण का लम्बा हिस्सा भारत की बुराई करने में ही बीता था।
मोदी सरकार की सफल विदेशनीति का उदाहरण है डोकलाम से चीन का पलायन
आखिरकार भारत और चीन के बीच डोकलाम से सेना पीछे करने पर सहमति बन गयी। भारत ने बातचीत के जरिये डोकलाम मुद्दे को सुलझाने का प्रस्ताव रखा था, जबकि चीन इसके लिए तैयार नहीं था। भारत ने भी अपनी सेना पीछे हटाने से साफ़ इन्कार कर दिया था। चीन को भारत की सेना और सरकार के निश्चय के आगे आख़िरकार झुकना ही पड़ा।
डोलाम विवाद : भारत ने सेना की तैनाती बढ़ाकर चीन को दिया कठोर सन्देश
डोकलाम सीमा पर भारत व चीन के बीच तनाव दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। इसी सप्ताह चीन ने लगातार अलग-अलग माध्यमों से भारत को धमकी देकर डोकलाम से अपनी सेना हटाने के लिए कहा और चीन के कथित रक्षा विशेषज्ञ भी जंग की धमकी देने से बाज नहीं आए। इन सब तनावपूर्ण स्थितियों के बीच एक अहम सूचना यह सामने आई है कि भारत ने चीन की परवाह न करते हुए सेना हटाने की बजाय उल्टे और सेना
सोशल मीडिया के जरिये जन-जन तक पहुँचने में कामयाब सरकार
लोक कल्याणकारी राज्य में लोक की चिंता राज्य की चिंता होती है। लोक का सुख-दुःख, कष्ट, पीड़ा सरकार से सीधे जुड़ी होती है। पिछली सरकारों की तुलना में अगर वर्तमान सरकार का कार्यकाल देखें तो गत ढाई साल में इस देश ने कई बदलाव देखे हैं। लेकिन एक बड़ा बदलाव यह दिखा है कि अब सरकार के मंत्री और मंत्रालय जनता के ज्यादा करीब उपस्थिति बना पाने में सफल हुए हैं। डिजिटल इण्डिया के प्रसार