‘अर्घ्य के दिन किसी छठ घाट पर चले जाइए, आप वो देखेंगे जो आपके मन को प्रफुल्लित कर देगा !’
ये यूं ही नहीं कहा जाता कि भारत पर्वों, व्रतों, परम्पराओं और रीति-रिवाजों का देश है। दरअसल यहां शायद ही ऐसा कोई महीना बीतता हो जिसमें कोई व्रत या पर्व न पड़े। हमारे पर्वों में सबसे अलग बात ये होती है कि इन सब में हमारा उत्साह किसी न किसी आस्था से प्रेरित होता है। कारण ये कि भारत के अधिकाधिक पर्व अपने साथ किसी न किसी व्रत अथवा पूजा का संयोजन किए हुए हैं। ऐसे ही त्योहारों की कड़ी में पूर्वी