सैम पित्रोदा के बयान से एकबार फिर उजागर हुआ कांग्रेस का असली राजनीतिक चरित्र
तकनीकविद से राजनीतिज्ञ बने सैम पित्रोदा ने एक बार फिर कांग्रेस के असली चरित्र को उजागर करने का काम किया। 1984 के कांग्रेस प्रायोजित सिख विरोधी दंगों पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु ने कहा “1984 में दंगा हुआ तो हुआ।” इस प्रकार उन्होंने कांग्रेस प्रायोजित दंगे को छिटपुट घटना करार दिया। सिख विरोधी दंगों पर कांग्रेस पार्टी की
ये कैसे ‘भारतीय नेता’ हैं जिन्हें अपने देश की सेना और सरकार पर ही भरोसा नहीं
आतंकी हमले और आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक पर नकारात्मक सियासत भारत में ही संभव है। यहां अनेक नेता लगातार पाकिस्तान और आतंकी संगठनों के प्रति हमदर्दी के बयान दे रहे हैं। ऊपर से तुर्रा यह कि सरकार इस मामले का चुनावी फायदा उठाना चाहती है। लेकिन इस विषय को चुनाव तक चलाने का कार्य तो विपक्ष के नेता ही कर रहे हैं। कुछ अंतराल पर इनके बयान आने का सिलसिला बन गया है।
पाकिस्तान परस्त भाषा बोल रहे कांग्रेसियों पर राहुल गांधी के मौन का मतलब क्या है?
कांग्रेस के नेताओं द्वारा एयर स्ट्राइक पर जिस तरह से पाकिस्तान के प्रवक्ता जैसी भूमिका निभाई जा रही, उसपर कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व मौन है। कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई तो दूर इन नेताओं को एक चेतावनी तक नहीं दी गयी है। फिर यह सवाल उठाना जायज है कि क्या इन बयानों को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौन स्वीकृति मिली हुई है?