तीन तलाक निषेध कानून : मुस्लिम महिलाओं के हितों व अधिकारों की रक्षा की दिशा में बड़ा कदम
मंगलवार का दिन देश की मुस्लिम महिलाओं के लिए अत्यंत मंगलकारी रहा। इस दिन तीन तलाक बिल पर मोदी सरकार को बड़ी सफलता मिली। लोकसभा के बाद अब यह बिल राज्यसभा से भी पारित हो गया है। अब यह कानून की शक्ल ले लेगा जिसके तहत तीन तलाक देने वाले पुरुष पर आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकेगा।
तीन तलाक बिल : यह आस्था नहीं, अधिकारों की लड़ाई है!
यह वाकई में समझ से परे है कि कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष अपनी गलतियों से कुछ भी सीखने को तैयार क्यों नहीं है। अपनी वोटबैंक की राजनीति की एकतरफा सोच में विपक्षी दल इतने अंधे हो गए हैं कि यह भी नहीं देख पा रहे कि उनके इस रवैये से उनका दोहरा आचरण ही देश के सामने आ रहा है।
तीन तलाक की पैरवी में ‘किसकी’ भाषा बोल रहे हैं कपिल सिब्बल ?
कोई भी व्यक्ति किसी संगठन से तभी जुड़ता है, जब उसके विचार संगठन की विचारधारा से साम्य प्रकट करते हैं। अतः इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि संविधानिक पीठ के समक्ष रखे गए कपिल सिब्बल के विचार तीन तलाक पर कांग्रेस की विचारधारा से साम्य रखते होंगे। साथ ही, राजनीतिक तौर पर भी कांग्रेस तीन तलाक का स्पष्ट रूप से विरोध करते हुए कभी नहीं दिखी