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हिंसा, दमन और तानाशाही है वामपंथी विचारधारा का असल चेहरा

वामपंथी विचारधारा की एक पाखण्ड यह भी है कि इसके नीति-नियंता निजी जीवन में तो आकंठ भोग-विलास में डूबे रहते हैं और सार्वजनिक जीवन में शुचिता और त्याग की लफ़्फ़ाज़ी करते नज़र आते हैं। पंचसितारा सुविधाओं से लैस वातानुकूलित कक्षों में बर्फ और सोडे के साथ रंगीन पेय से गला तर करते हुए देश-विदेश का तख्ता-पलट करने का दंभ भरने वाले इन नकली क्रांतिकारियों की वास्तविकता सुई चुभे गुब्बारे जैसी है।