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महारानी लक्ष्मीबाई : सोए हुए पौरुष और स्वाभिमान को जागृत-झंकृत करने वाली वीरांगना

जनरल ह्यूरोज का यह कथन महारानी लक्ष्मीबाई के साहस एवं पराक्रम का परिचय देता है, ”अगर भारत की एक फीसदी महिलाएँ इस लड़की की तरह आज़ादी की दीवानी हो गईं तो हम सब को यह देश छोड़कर भागना पड़ेगा।”

मुस्लिम लीग को सेक्युलर कहने वाले राहुल गांधी को उसका इतिहास भी बताना चाहिए

मुस्लिम लीग को सेक्युलर बताकर अपना राजनीतिक हित साधने की कोशिश कर रहे राहुल गांधी को समझना चाहिए कि उनकी यह गलतबयानी देश के लिए कतई हितकारी नहीं है।

भगिनी निवेदिता : ‘वह भारत में भले न पैदा हुई हों, लेकिन भारत के लिए पैदा हुई थीं’

भगिनी निवेदिता ने सेवा का कार्य निस्वार्थ भाव से किया,  ना कोई इच्छा-अनिच्छा, ना कोई धर्मांतरण का छलावा, वह भारत में आकर भारतीयता के रंग में रंग ही गईं।

इतिहास को सुधारने-संवारने की पहल

शिक्षा मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति ने इतिहास में व्याप्त भ्रामक तथ्यों एवं आधारहीन घटनाओं को हटाने और कालखंडो को सही क्रम में संवारने का मन बना लिया है।

महारानी लक्ष्मीबाई : क्रांति की अग्निशिखा

रानी साहिब ने युद्ध से पूर्व अपने सैनिकों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा- ‘‘हे वीर सैनिकों! हम दुश्मन से भले ही सैन्य बल में कम हैं, परन्तु हमारा आत्मबल उनसे कोई गुणा अधिक है।

रानी लक्ष्मीबाई : किरदार ऐसा कि दुश्मन भी तारीफ करने को मजबूर हो गए

रानी लक्ष्मीबाई के साहस और पराक्रम का अंदाजा जनरल ह्यूरोज के इस कथन से लगाया जा सकता है कि अगर भारत की एक फीसदी महिलाएं इस लड़की की तरह आज़ादी की दीवानी हो गईं तो हमें यह देश छोड़कर भागना पड़ेगा।

भारत की प्राचीन ज्ञान परम्परा को धूमिल करने वालों की साज़िश को समझने की जरूरत

इस संसार में सबसे अधिक शक्ति यदि किसी में है तो वह है मनुष्य के विश्वास में क्योंकि यदि विश्वास सकारात्मक है तो आप मृत्यु के मुख से भी वापस आ सकते हैं जैसे उदाहरण के लिए परम वीर चक्र विजेता योगेन्द्र सिंह यादव को ही लें जिनका उनके ईश्वर की सत्ता और देश प्रेम में अटूट विश्वास था जिसके कारण वह टाइगर हिल्स की पहाड़ियों पर हुए विद्ध्वन्स्कारी कारगिल युद्ध से जीवित आ गये। यदि विश्वास किसी पर

देश के अनेक इतिहासों की साक्षी है दिल्ली की रिज

हाल में ही केन्द्रीय सूचना आयोग के दिल्ली के रिज क्षेत्र के सीमांकन में देरी के कारण अंधाधुंध अतिक्रमण और अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई पर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। इतना ही नहीं, आयोग ने रिज क्षेत्र की सीमा चिन्हित करने में देरी से अतिक्रमण और मानचित्र सहित जानकारी मांगी है। इस तरह, एक बार फिर दिल्ली की रिज चर्चा में है।