ये आंकड़े बताते हैं कि क्यों जरूरी है नागरिकता संशोधन विधेयक?
तीन तलाक पर क़ानून बनाकर, कश्मीर से धारा 370 हटाकर, राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब नागरिकता संशोधन बिल को लोकसभा से पारित कराकर मोदी सरकार ने अपनी नीतियां बिलकुल साफ़ कर दी हैं। इस सरकार की खासियत ही कही जाएगी कि एक के बाद एक महत्वपूर्ण और युगांतरकारी परिवर्तन की नींव रखने में कामयाब हो रही है।
तथ्य बताते हैं कि गांधी परिवार के लिए एसपीजी सुरक्षा से अधिक ‘स्टेटस सिंबल’ ही थी
देश में सामाजिक और आर्थिक के साथ-साथ राजनीतिक सुधार का भी दौर चल रहा है। एक बार फिर इसकी मिसाल पेश करते हुए मोदी सरकार ने राज्यसभा और लोकसभा में एसपीजी बिल पास कर दिया। संभवतः आप सोच रहे होंगे कि आखिर एसपीजी बिल और राजनीतिक सुधारों का क्या मेल! दरअसल पिछले करीब तीन दशक में देश में गांधी परिवार (सोनिया, राहुल और प्रियंका) ने एसपीजी सुरक्षा को एक स्टेटस सिंबल बना लिया था
देशहित में जरूरी है एनआरसी का पूरे देश में लागू होना
बीते 20 नवम्बर को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एनआरसी पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि एनआरसी के द्वारा नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी और इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी धर्म विशेष के लोगों को इसके कारण डरने की जरूरत नहीं है।
राष्ट्र की प्रगति के लिए हिंदी की सर्वस्वीकार्यता आवश्यक
गृहमंत्री अमित शाह के हिंदी के पक्ष में प्रस्तुत वक्तव्य–‘भारत’ विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है मगर पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है जो विश्व में भारत की पहचान बने। आज देश को एकता की डोर में बांधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वह सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी ही है।‘– का विरोध करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य नेताओं को नेताजी सुभाष चंद्र बोस का यह कथन स्मरण रखना चाहिए कि
अनुच्छेद-370 हटाने के विरोध में कांग्रेस के निरर्थक तर्क
सरकार के किसी कदम का विरोध करना अपनी जगह है, लेकिन इसे राष्ट्रीय हित के दायरे में ही होना चाहिए। जम्मू-कश्मीर राज्य के विभाजन और अस्थाई अनुच्छेद को समाप्त करने के संकल्प पर अनेक पार्टियों का रुख चौकाने वाला था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने ट्वीट संदेश के जरिए सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए।
कश्मीर पर कांग्रेस की ऐतिहासिक भूल को मोदी सरकार ने सुधारा, धारा 370 समाप्त
जब गृह मंत्री अमित शाह मुस्कुराते हुए संसद में प्रवेश कर रहे थे, लोगों को तभी अंदाज़ा हो गया था कि आज का दिन ख़ास होने वाला है। फिर आया वो समय, जब गृह मंत्री ने अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने की घोषणा की। आज से 65 वर्ष पहले कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर को लेकर जो ऐतिहासिक भूल की थी उसे नरेन्द्र मोदी सरकार ने ठीक कर दिया है।
क्या सुलझने की ओर बढ़ रही है कश्मीर की गुत्थी?
अमित शाह के कश्मीर दौरे के दौरान यह साफ़ हो गया था कि कश्मीर में सही वक़्त पर चुनाव भी होंगे लेकिन उससे पूर्व आतंकियों की नकेल भी कसी जाएगी। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान सेना को आतंकियों से निबटने में खुली छूट दी गई थी, जिसका नतीजा यह हुआ कि स्थानीय आतंकियों की एक पूरी की पूरी जमात का सफाया हो गया,
चरणबद्ध ढंग से कश्मीर समस्या के समाधान की ओर बढ़ रही मोदी सरकार
पिछले दिनों केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में कश्मीर को लेकर कुछ महत्वपूर्ण विषय रखे। इनमें राज्य में राष्ट्रपति शासन छः महीने के लिए बढ़ाना और राज्य के दस किलोमीटर सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वालों के लिए आरक्षण की व्यवस्था करने सम्बन्धी संशोधन विधेयक दो प्रमुख विषय रहे।
संसद में अमित शाह के भाषण ने कश्मीर मुद्दे पर कांग्रेस को कायदे से आईना दिखाया है!
लंबे समय तक बीजेपी के अध्यक्ष रहे अमित शाह अब सत्तारूढ़ दल में केंद्रीय मंत्री हैं। उन्हें गृह मंत्रालय का जिम्मा मिला है और पहली बार वे इस नाते संसद में मौजूद हैं। चुनावी और दलगत मसलों पर देश भर में सार्वजनिक मंचों पर तो उन्हें जनता देखती-सुनती आई लेकिन संसद के बजट सत्र में एक मंत्री के तौर पर उनका जो रूप देखने को मिल रहा है,
सरकार और संगठन दोनों स्तरों पर सक्रिय भाजपा
सरकार जहां अपने पहले दिन से ही जनकल्याण के निर्णय लेने में लगी है, वहीं संगठन उपचुनाव में सफलता के साथ-साथ सदस्यता बढ़ाने की कवायदों में जुट गया है। ऐसे परिश्रम और सक्रियता को देखते हुए भाजपा का लगातर चुनावी सफलता अर्जित करना कोई आश्चर्य की बात नहीं लगता।