भाजपा के अंध-विरोध में एक ‘इतिहासकार’ का ‘कथावाचक’ हो जाना!
एक इतिहासकार से यह अपेक्षा की जाती है कि वो इतिहास से जुड़े पुख्ता तथ्यों से समाज को रूबरू कराए। लेकिन जब इतिहासकार तथ्यों
और घटनाओं को छोड़कर ‘फिक्शन’ अथवा कहानियों के आधार पर लेख लिखने लगे तो बड़ा आश्चर्य होता है। गत २५ जून २०१६ को एक अंग्रेजी अखबार में इतिहासकार रामचन्द्र गुहा का एक लेख ‘डिवाइड एंड विन’ शीर्षक से छपा था