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वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में बढ़ती भारत की भागीदारी

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत की साख बढ़ाने का प्रमुख कारण यह है कि पिछले एक दशक में इस क्षेत्र में विकास के अनेक नए आयाम स्थापित किए गए हैं।

सूर्य मिशन : ‘रोज ही आकाश चढ़ते जा रहे हैं हम…!’

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब भारत की नजरें सूर्य पर टिकी हैं। यह भारत का पहला सूर्य मिशन है, जिसके जरिए सौर वायुमंडल यानी क्रोमोस्फेयर…

भारतीय परंपरा में धर्म और विज्ञान के बीच विरोध नहीं, एकात्म भाव की प्रतिष्ठा है

आज इसरो प्रमुख यदि कह रहे कि विज्ञान के सिद्धांत वेदों से निकले हैं, तो इससे ही सिद्ध हो जाता है कि भारत में धर्म और विज्ञान के बीच कोई विरोध नहीं है।

14 जुलाई को इतिहास रचेगा भारत, इसरो का चंद्रयान-3 होगा प्रक्षेपित

आगामी 14 जुलाई को भारत एक नया इतिहास रचने जा रहा है। इस दिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो का महत्‍वाकांक्षी अभियान चंद्रयान 3 प्रक्षेपित किया जाएगा।

अंतरिक्ष बाजार में भी बढ़ रहा भारत का दबदबा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने गत 15 फरवरी 2017 को कुल 104 उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करके एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया था।

मोदी सरकार के प्रयासों से अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता भारत

भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में अद्वितीय उपलब्धियां पिछले सात साल के भीतर अनेक प्रकार के उपग्रह प्रक्षेपित कर हासिल की हैं।

इसरो ने किया जीसैट 30 का सफल प्रक्षेपण, जानिये क्या होंगे लाभ

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाजेशन (ISRO) ने एक और सफलता हासिल की है। इसरो ने वर्ष 2020 का पहला सैटेलाइट सफलतापूर्वक लॉन्‍च कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस सैटेलाइट के लॉन्‍च होने के बाद संचार क्षेत्र में अहम बदलाव देखने को मिलेंगे।

कार्टोसैट-3 : अब अंतरिक्ष से भी होगी देश की सुरक्षा

27 नवंबर, बुधवार का दिन देश के लिए यादगार और गर्व से भरा साबित हुआ। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए नई मिसाल गढ़ी है। इसरो ने श्रीहरिकोटा स्थित स्‍पेस सेंटर से कार्टोसैट-3 नाम का सैटेलाइट सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर लॉन्‍च किया। साथ ही 13 अमेरिकी नैनो उपग्रह भी प्रक्षेपित किए गए हैं। इस तरह बुधवार

जीसैट-29 : दुश्मन देशों के समुद्री जहाजों पर अब आसमान से नजर रखेगा भारत

अभी पिछले साल की ही बात है जब एक ही बार में 104 सेटेलाइट्स सफलतापूर्वक लांच करके भारत ने इतिहास रचा था और अपनी काबिलियत का लोहा सम्पूर्ण विश्व में मनवाया था। इस सफलता के बाद हम उन चंद देशों की सूची में शामिल हो गये हैं, जिनका खुद का सेटेलाइट नेविगेशन सिस्टम है। उसी क्रम में आगे बढ़ते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पुनः देश को गौरवान्वित होने का अवसर दिया है।

अंतरिक्ष और रक्षा के क्षेत्र में सफलता के नए आयाम गढ़ता भारत

नया साल देश के लिए अंतरिक्ष के क्षेत्र में सफलता और उपलब्धियां लेकर आया है। अपने सफल प्रक्षेपणों के लिए ख्‍यात भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने फिर एक उपग्रह का सफल प्रक्षेपण कर दिखाया है। यह उपग्रह कार्टोसेट टू सीरीज का था, जिसे पीएसएलवी के माध्‍यम से लॉन्‍च किया गया। यह तो उपलब्धि है ही, लेकिन इससे बड़ी और अहम उपलब्धि ये रही कि इस प्रक्षेपण के साथ ही इसरो द्वारा प्रक्षेपित