उत्तराखंड

भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अवधारणा को बल देते योगी

गत दिनों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तराखंड के दौरे पर थे। यहां भी उनकी चिरपरिचित कर्मयोगी की कार्यशैली दिखाई दी।

मोदी सरकार की दो रेल परियोजनाएं जो उत्तराखंड के लिए युगांतरकारी सिद्ध होंगी

रेलवे लाइन के निर्माण के बाद उत्तराखंड जहां परिवहन कनेक्टविटी की दृष्टि से लंबी छलांग लगा सकेगा, वहीं पर्यटकों व तीर्थयात्रियों के लिए आवागमन का एक सुलभ व सस्ता साधन उपलब्ध हो सकेगा। रेल यातायात शुरू होने पर ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक की दूरी, जिसे पूरा करने में सड़क मार्ग से लगभग 6 घंटे का समय लगता है, वो मात्र 2 घंटे में पूरी हो सकेगी। अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़े उत्तराखंड में इस परियोजना का सामरिक कारणों से बेहद महत्व है।

केदारनाथ का पुनर्निर्माण : मोदी जो ठान लेते हैं, उसे पूरा करके रहते हैं !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कहा जाता है कि वह जिस बात को ठान लेते हैं, उसे पूरा करके रहते हैं। उनकी यह संकल्पबद्धता देश-विदेश के करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण के मामले में देखने को मिल रही है। वर्ष 2013 की भीषण आपदा में केदारपुरी के बुरी तरह से तबाह होने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी उत्तराखंड आए थे। तब उन्होंने उत्तराखंड की तत्कालीन कांग्रेस सरकार

‘उत्तराखंड को अटल जी ने बनाया था, मोदी जी संवारेंगे’

देश के सभी राज्यों के प्रवास कार्यक्रमों के अंतिम चरण में देवभूमि उत्तराखंड पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं में नए उत्साह का संचार कर गए, अपितु उनका दो दिवसीय दौरा एक मिसाल के रूप में भी कायम हो गया। राजधानी देहरादून में अपने 38 घंटे के प्रवास में अमित भाई सांस लेने की फुर्सत में नहीं दिखे और ताबड़तोड़ तरीके से करीब 2 दर्जन कार्यक्रम निबटाए। पार्टी की

‘इंटरनेट से केवल सूचनाएं मिल सकती हैं, ज्ञान पुस्तकों से मिलता है’

गूगल व इंटरनेट के दौर में डिजिटल तकनीक का बोलबाला भले ही हो, किंतु पुस्तकों की उपयोगिता आज भी कम नहीं हुई है। पुस्तकों के प्रति पाठकों का रूझान बरकरार है। गंभीर पाठकों की मौजूदगी लगातार बनी हुई है। समय के साथ पुस्तकों में रूचि और उनके खरीददारों की संख्या में अंतर आया है, किंतु पाठकों के उत्साह में नहीं। इसकी बानगी 28 अगस्त से 5 सितम्बर तक शिक्षा नगरी देहरादून में आयोजित नौ

‘मुस्लिम तुष्टिकरण’ है कांग्रेसी सेकुलरिज्म का असल चेहरा

जुमे की नमाज के लिए मुस्लिम कर्मचारियों को 90 मिनट का अवकाश देकर उत्तराखंड सरकार ने सिद्ध कर दिया है कि कांग्रेस ने सेकुलरिज्म का लबादा भर ओढ़ रखा है, असल में उससे बड़ा सांप्रदायिक दल कोई और नहीं है। कांग्रेस के साथ-साथ उन तमाम बुद्धिजीवियों और सामाजिक संगठनों के सेकुलरिज्म की पोलपट्टी भी खुल गई है, जो भारतीय जनता पार्टी या किसी हिंदूवादी संगठन के किसी