केंद्र को नसीहत देने की बजाय महाराष्ट्र की स्थिति पर अपना रुख स्पष्ट करें राहुल गांधी
केंद्र को नसीहत देने और उससे सवाल पूछने की बजाय राहुल गांधी को महाराष्ट्र जैसे राज्यों की स्थिति पर रुख स्पष्ट करना चाहिए क्योंकि सत्ता में भागीदार रहते हुए वे इनकी जवाबदेही से बच नहीं सकते।
‘महाराष्ट्र के इस प्रकरण ने कांग्रेस और शिवसेना दोनों का असली चेहरा सामने ला दिया’
महाराष्ट्र के घटनाक्रम को समझने से पहले आपको चुनाव के पहले के घटनाक्रम को देखना होगा। विधानसभा चुनाव से पहले हुए गठबंधन के तहत बीजेपी और शिव सेना ने मिलकर चुनाव लड़ा, जिसमें बीजेपी को 105 सीटें और शिव सेना को 54 सीटें हासिल हुईं।
एग्जिट पोल में महाराष्ट्र-हरियाणा में फिर भाजपा सरकार, विपक्ष की हालत पस्त
सबसे पहले ये बता देना ज़रूरी है कि एग्जिट पोल्स नतीजे नहीं होते, नतीजों के रुझान भर होते हैं। इसी लिहाज़ से हरियाणा और महाराष्ट्र के नतीजों को भी देखा जाना चाहिए, जहाँ विधानसभा के लिए संपन्न हुए चुनाव में विपक्ष की हालत लचर ही दिख रही है। अभी तक जितने भी एग्जिट पोल्स आये हैं, उनका इशारा साफ़ है कि विपक्ष का प्रदर्शन पहले के मुकाबले और ज्यादा गिरा है।