‘कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार ने जो किया है, वो करने से पहले अंग्रेज भी दस बार सोचते !’
कांग्रेस खुद को ‘सेक्युलर’ पार्टी कहती है, लेकिन कर्नाटक में चुनाव जीतने के लिए इसने एक नया धर्म ही गढ़ दिया। राजनीतिक विजय हासिल करने के लिए अगर समाज को तोड़ना भी पड़े तो कांग्रेस इसे गलत नहीं मानती है। जिस निर्लज्जता के साथ कांग्रेस ने यह कदम उठाया, शायद ब्रिटिश हुकूमत भी ऐसा करने से पहले दस बार सोचती।
गुजरात चुनाव के ‘जनेऊधारी हिन्दू’ का कर्नाटक चुनाव में टीपू राग !
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव निकट हैं। जैसा कि हमेशा से होता आया है, चुनाव से पहले राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। हर बार की तरह इस बार भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी ताल ठोंककर मैदान में कूद पड़े हैं। यह बात दीगर है कि पिछले कई चुनावों में भी वे बहुत जोश के साथ मैदान में उतरे थे और मुंह की खाकर अपनी अयोग्यता को उत्तरोत्तर प्रमाणित ही करते गए।